April 27, 2022

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Month: April 2022

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वैशाली जिलाधिकारी ने करायी अंचल कार्यालयों की जाँच ।। रिपोर्ट प्रभंजन कुमार हाजीपुर:-अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग,बिहार...

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अंकल अब मैं खेलने बाहर जा सकता हूं... -जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी ने एईएस से ठीक हुए आशीष से फोन...

जीरो टोलरेंस के साथ वैक्सीनेशन हमारी प्राथमिकता: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी - 2 मई से शुरू होगा मिशन इंद्रधनुष का तीसरा...

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चमकी को धमकी का शपथपत्र जारी कर फैलायी जा रही जागरूकता – स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे शिवहर, 27 अप्रैल चमकी बुखार, जापानी इंसेफलाइटिस, दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के विभिन्न विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी सज्जन राज शेखर के निर्देश पर विद्यालयों में चमकी को धमकी का शपथपत्र जारी कर बच्चों में जागरूकता फैलायी जा रही है। जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ ओमप्रकाश जिले के विद्यालयों में चमकी को धमकी का शपथपत्र जारी कर जागरूकता अभियान चलवा रहे हैं। चमकी को धमकी का शपथपत्र विद्यालय में लगाया गया – श्री नवाब उच्चतर मॉडल हाई स्कूल शिवहर में प्रधानाध्यापक राजीव नयन सिंह द्वारा एईएस-चमकी पर जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें चमकी को धमकी की शपथ पत्र (बोर्ड पर लिखा हुआ) विद्यालय परिसर में रखकर बच्चों को इससे बचाव के संदेश दिए गए। उन्होंने बताया कि चमकी बुखार से बचाव के लिए तीन बातें याद रखना जरूरी है। बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं। संभव हो तो कुछ मीठा भी जरूर खिलाएं। रात के बीच में एवं सुबह उठते ही बच्चों को जगाएं और उसका हालचाल जानें। तीसरा अगर बच्चा बेहोश हो या चमकी देखते ही तुरंत आशा दीदी को सूचित करें। निःशुल्क -102 एंबुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। बच्चे को धूप में जाने देने से रोकें: विद्यालय के बच्चों को जागरुक करते हुए प्रधानाध्यापक राजीव नयन सिंह ने बताया कि बच्चे को धूप में जाने देने से रोकें। दिन में दो बार नहलाएं। रात में पूरा भोजन कराएं। लक्षण दिखते ही बच्चे को ओआरएस का घोल या चीनी नमक का घोल पिलाएं। इस तरह हम लोग इस गर्मी में चमकी को धमकी दे सकते हैं और अपने बच्चे को स्वस्थ्य रख सकते हैं। मौके पर विद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी आदि मौजूद रहे।

चमकी को धमकी का शपथपत्र जारी कर फैलायी जा रही जागरूकता चमकी को धमकी का शपथपत्र जारी कर फैलायी जा...

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एईएस/चमकी बुखार पर की गई बैठक। दिए गए कई अहम निर्देश।   *ब्यूरो चीफ अंजुम शहाब*...

वैशाली विद्यालय महुआ में शिविर लगाकर पदाधिकारियों ने बांटे नौकरी महुआ, नवनीत कुमार । महुआ में मंगलवार को 48 नवनियुक्त...

मुक्त कराने की मांग महुआ, एक संवाददाता। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के जिला इकाई ने मंगलवार को महुआ अनुमंडल अधिकारी...

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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