अखंड सुहाग के लिए स्त्रियों ने की बट सावित्री की पूजा । रिपोर्ट सुधीर मालाकार ।हाजीपुर( वैशाली) वैसे तो भारतीय संस्कृति में स्त्रियां अपने सुहाग की रक्षा हेतु विभिन्न प्रकार के पर्वों को कर अखंड सुहाग की आशीर्वाद ईश्वर से प्राप्त करती है। इसी कड़ी में भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों में सौभाग्यवती स्त्रियां अपने माथे पर सिंदूर की लंबी लकीर खींच कर अपने पति की स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना हेतु वट सावित्री की पूजा करती है ।कहां जाता है आदिकाल में सावित्री नाम की पतिव्रता नारी ने अपने सतीत्व धर्म के बल पर मृत पति के प्राण यमराज के यहां से वापस ले आई थी ।तब से मान्यता है कि जो इस स्त्रियां तन मन से अपने पति एवं सास ससुर की सेवा करती हैं उनके माथे की सिंदूर जीवन भर उनके साथ रहती है। वर्तधारी स्त्रियां मुन्नी देवी ,ममता देवी, ललिता देवी ,सोनी कुमारी, मधुमाला ने बताया कि जैसा कि इस पर्व के नाम एवं कथा से ज्ञात होता है कि हर परिस्थिति में अपने जीवन साथी का साथ देने का वाचन देता है। पर्व से ज्ञात होता है कि पतिव्रता स्त्री में इतनी शक्ति होती है कि यमराज से भी अपने पति का प्राण वापस ला सकती है ।सास ससुर की सेवा करना धर्म की श्रेणी में रखा गया है ।मान्यता है कि इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु ,उत्तम स्वास्थ्य ,उन्नति एवं संतान प्राप्ति हेतु इस पर्व को करती हैं। आज शुभ दिन गुरुवार है ।शनि जयंती एवं वर्ष के प्रथम सूर्य ग्रहण का फलाफल सौभाग्यवती स्त्रियों को मिलने वाला है।