संयम और स्वच्छता से होम आइसोलेशन में पायी वीरु ने सफलता
1 min readसंयम और स्वच्छता से होम आइसोलेशन में पायी वीरु ने सफलता
– आयुष मंत्रालय का काढ़ा और नियमित दवाईयों के सेवन से दी मात
– चूक से मिली सीख तो व्यवहार में किया परिवर्तन
वैशाली। 28 अप्रैल
‘‘सही तरीके से मास्क न पहनना। अनचाही चीजों को छूना और भीड़ में चले जाना। यह कुछ गलतियां थी, जिसने मुझे जीवन भर की सीख दी। 13 को अचानक तेज बुखार ने मेरे शरीर को तोड़ कर रख दिया था। ठीक अगले दिन सर्दी और बदन दर्द ने मेरी रातों की चैन भी छीन ली। 15 अप्रैल को मेरा कोरोना टेस्ट हुआ, जिसमें मैं पॉजिटीव पाया गया।‘’ ये बातें केयर में कार्यरत वीरु ने होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना को मात देने के बाद कही। वीरु ने कहा कि जब कोरोना की रिपोर्ट आयी, उन्होंने इसे घर के सभी सदस्यों को बताया. इस खबर को सुनकर उनकी पत्नी का रोकर बुरा हाल था। ऐसी परिस्थिति को देखते हुए उन्होंने अपनी पत्नी को समझाया कि उनके दफ्तर में भी कुछ लोगों ने होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना संक्रमण को मात दी है। तब कहीं जाकर उनकी पत्नी का विश्वास बढ़ा। अच्छी बात यह रही कि उनके घर में किसी को संक्रमण नहीं हुआ। उन्होंने बताया पूरे होम आइसोलेशन के दौरान उनके परिवार वालों का पूरा सहयोग मिला।
टीका लेने के बाद भी हुए संक्रमित
वीरू ने कहा, ‘‘मैंने पहले चरण में टीकाकरण का दोनों डोज लिया था। मुझे इसके कारण थोड़ा आत्मविश्वास भी था। अच्छी क्वालिटी का मास्क न पहनना। जहां तहां की सतहों को छूने की आदत और भीड़ में भी चले जाने की आदत ने मुझे पॉजिटीव किया। मुझे इस बात का विश्वास जरुर है कि टीकाकरण के दोनों डोज लेने के कारण ही मुझमें कोरोना का संक्रमण हावी नहीं हो पाया और मैं जल्द ही ठीक हो पाया’’।
खुद को कमरे में किया अलग
वीरु ने कहा कि पॉजिटीव आने पर सात दिनों तक उन्होंने अपने-आप को एक कमरे में समेट लिया। दिन में 6 बार आयुष मंत्रालय का बताया काढ़ा पिया। तीन से चार बार पानी का भाप लिया। सादा भोजन किया..अपने प्रत्येक बार के भोजन में उन्होंने नींबू और आंवले के अचार को जरुर शामिल किया। इसे लेने का मुख्य उद्येश्य वीटामिन सी लेना था। उन्होंने बताया अस्पताल से उन्हें दवाईंयों की एक किट भी मिली थी। उन दवाओं का सेवन उन्होंने नियमानुसार किया। छह दिनों में उनके सारे लक्षण चले गए। फिर भी उन्होंने कुछ दिन और अपने आप को परिवार और समाज से दूर रखा। इस दौरान उन्होंने अच्छी किताबें पढ़ी और कोरोना पर भ्रामक खबरों से दूर रहे.
शौचालय में बरती सावधानी
वीरु कहते हैं होम आइसोलेशन में कहा जाता है कि आप अपना शौचालय भी लोगों से अलग रखिए, पर इसके लिए उनके पास ऑप्शन नहीं था। ‘‘मैंने मेरे अपने परिवार के सहयोग से इसका भी हल निकाला जो स्वच्छता ही थी। जब भी मैं शौचालय जाता। उसके बाद नियमित रुप से उसमें गर्म पानी डालता। नलों और बर्तनों को सेनेटाइज करता। सेनेटाइजेशन के बाद फिनाईल और ब्लीचींग पाउडर का भी उपयोग करता। अपने व्यवहार में थोड़ा सा परिवर्तन कर एक शौचालय में तो काम चलाया ही, कोराना का भी मात दी। मेरा मानना है कि अगर संभव है तो बाथरुम अलग ही रखें। वहीं उसमें स्वच्छता का ख्याल जरुर रखें। इससे कोरोना के साथ अन्य रोगों से भी लड़ने में आसानी होगी’’।
तीन लेयर का मास्क जरुर पहनें
वीरु कहते हैं कोरोना से बचने के लिए तीन लेयर का मास्क और अनजान सतहों को नहीं छूना चाहिए। वहीं भीड़ वाले ईलाके से तो बिल्कुल ही दूर रहना चाहिए। अगर किसी ने भी इन नियमों का पालन किया उसे कोरोना कभी संक्रमित नहीं कर सकता।