March 8, 2024

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एईएस पर मेडिकल ऑफिसर्स हुए प्रशिक्षित, जीरो डेथ का लिया संकल्प

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एईएस पर मेडिकल ऑफिसर्स हुए प्रशिक्षित, जीरो डेथ का लिया संकल्प

-पिछले वर्ष कुल 14 बच्चे हुए थे चमकी से प्रभावित
-बिना प्राथमिक उपचार के बच्चे नहीं होंगे रेफर

सीतामढ़ी। 8 मार्च

मौसम के करवट लेते ही स्वास्थ्य विभाग ने एईएस से लड़ने की तैयारी शुरु कर दी है। इस क्रम में जिले के सभी प्रखंड, अनुमंडल तथा जिला स्तरीय अस्पतालों के करीब 60 मेडिकल अफसरों को एईएस के नए एसओपी के अनुसार प्रशिक्षण दिया गया। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि चमकी की जागरूकता, उपचार एवं प्रबंधन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सबसे पहले नए एसओपी 2023 के अनुसार मेडिकल अफसरों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सकों को बताया गया कि चमकी के किसी एक लक्षण मिलने पर भी तत्काल उस बच्चे का उपचार किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा एईएस पीड़ित बच्चों के हालत स्थिर होने के बाद या प्राथमिक उपचार के बाद ही सुविधा संपन्न एम्बुलेंस में बच्चों को एसकेएमसीएच या जिला अस्पताल में रेफर किया जाए। प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सकों को एसओपी में शामिल उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं, जांच और एईएस पीड़ित के उचित प्रबंधन की बारीकी बतायी गयी। वहीं कहा गया कि प्रत्येक वार्ड में एसओपी को प्रदर्शित कर रखा जाए, ताकि उपचार के वक्त आसानी हो सके।

एईएस वार्ड दुरुस्त करने का आदेश:

डॉ रविन्द्र कुमार ने बताया कि सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दो बेड के एईएस वार्ड तथा अनुमंडल स्तर पर 10 बेड के एईएस वार्ड को 24 घंटे तैयार रखने को कहा गया है। वार्ड में एसओपी के अनुसार आवश्यक उपकरण, वातानुकुलित रखने की व्यवस्था, एसेंशियल ड्रग के साथ 24 घंटे चिकित्सक, नर्स तथा पारामेडिकल स्टॉफ की उपब्धता सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया। इसके अलावा 15 मार्च तक प्रत्येक प्रखंड में
कंट्रोल रूम की व्यवस्था का भी आदेश दिया गया है।

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