September 1, 2021

NR INDIA NEWS

News for all

एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन के जरिये की जाएगी टीबी मरीजों की खोज/रिपोर्ट नसीम रब्बानी   

1 min read

एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन के जरिये की जाएगी टीबी मरीजों की खोज/रिपोर्ट नसीम रब्बानी

•वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का है लक्ष्य निर्धारित
•व्यापक स्तर पर अभियान संचालन का दिया गया निर्देश
•आज से घर-घर जाकर मरीजों की होगी पहचान

वैशाली / 1 सितंबर । जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। टीबी उन्मूलन की दिशा में समुदाय स्तर पर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में 2 सितंबर से 1 नवंबर तक टीबी के सक्रिय रोगियों की खोज अभियान चलाया जायेगा। इस दौरान घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की पहचान की जायेगी। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव आरती अहूजा ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम ने पिछले कुछ वर्षों में टीबी को समाप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। कोविड महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए  मंत्रालय ने द्वि-दिशात्मक टीबी- कोविड स्क्रीनिंग की सिफारिश की है। इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम इन्फेक्शन  के मामलों में स्क्रीनिंग और निजी क्षेत्र की व्यस्तता को तेज करना हालांकि, यह देखा गया है कि कोविड-19 महामारी ने देश में टीबी के मामलों की अधिसूचना पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। वर्तमान वर्ष (जनवरी-जुलाई 2021) के दौरान केवल 11.57 लाख टीबी के मामलों को अधिसूचित किया गया है, जो निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है। केस फाइंडिंग गतिविधियों को तेज करके और सभी पात्र टीबी रोगियों को उचित प्रोत्साहन प्रदान करके टीबी अधिसूचना और निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) भुगतान को और बढ़ाने की आवश्यकता है। अभियानों के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करें और स्थापित करें।
टीबी मरीजों को प्रोत्साहन राशि:
विभाग की ओर से टीबी मरीजों को खुराक भत्ता भी दिया जाता  और टीबी मरीज को जो अस्पताल तक पहुंचाता है, उसे भी 500 रुपये मेहनताना दिया जाता है। एक्टिविटी के तहत विभाग की ओर से सर्वे और उसके बाद टीबी  के मरीजों को ढूंढ कर उनका इलाज और आसपास के लोगों को टीबी को लेकर जागरूक भी किया जाएगा। टीबी रोग इलाज योग्य है, इसलिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सलाह अनुसार इसका इलाज हो सकता है।
टीबी उन्मूलन में जनभागादारी है जरूरी:
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार केसरी ने कहा विभाग वर्ष 2025 तक जिले को टीबी से मुक्त करने हेतु प्रतिबद्ध है। पहले के मुकाबले मृत्यु दर में काफी कमी आई है। उम्मीद है कि जल्द ही जिले में टीबी पर काबू पा लिया जाएगा। टीबी उन्मूलन में जनभागीदारी बहुत ही जरूरी है। अगर लोग सहयोग करें तो यह बीमारी समय से पहले खत्म हो सकती है।
टीबी का लक्षण दिखे तो जांच कराएं-
टीबी का लक्षण दिखे तो जांच आवश्यक कराएं। टीबी का हल्का-सा भी लक्षण दिखे तो जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र जाएं। जांच में पुष्टि हो जाने के बाद आपको मुफ्त में दवा मिलेगी। साथ में भोजन के लिए भी पैसे मिलेंगे। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और इलाज की व्यवस्था है। इसलिए अगर लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं। मरीजों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। साधारण टीबी और एमडीआर टीबी दोनों में से किसी भी तरह के मरीज हों, अपनी दवाओं का नियमित सेवन करें। साधारण टीबी मरीजों की दवा छह महीने तथा एमडीआर की छह से 20 महीने तक चलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.