अमरजीत के लिए फरिश्ता बनकर आए नरहन के छात्र और शिक्षक
*अमरजीत के लिए फरिश्ता बनकर आए नरहन के छात्र और शिक्षक
विभूतिपुर/समस्तीपुर
जो वक्त पर साथ दे, जो जरूरत मंदो को सहारा दे वो फरिश्ता कभी आसमान से नहीं टपकता। वह हमारे समाज के बीच में ही होता है। हम बात कर रहे हैं बेगूसराय जिला के सुदूर गांव सोनबरसा निवासी बीजू यादव के पुत्र अमरजीत कुमार, जो 12वीं का छात्र था। सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। उसे इलाज कराने के लिए आर्थिक सहयोग की जरूरत थी। पैसे की कमी के कारण उसके परिजन पैसे के लिए अपने जमीन जायदाद गिरवी रखकर इलाज कराने के लिए बेगूसराय के कई अस्पताल गए। लेकिन उन्हें उचित इलाज नहीं मिल सका। उन्हें अब इलाज कराने के लिए किसी तरह की कोई धनराशि नहीं बची ।वह हताश होकर घर लौट गए। तब अमरजीत और उनके परिवार के लिए फरिश्ता बनकर सहयोग नरहन के तमाम शिक्षक किए ।उन्हें जरूरत थी इलाज के लिए धनराशि की उनके पास पैसा नहीं था तब नरहन के सभी शिक्षक तथा छात्र अमरजीत कुमार को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उन्हें हर संभव मदद करने के लिए आगे आए। फरिश्ता बनकर लोगों से सहयोग करने की अपील करने वाले में पांडव कुमार ,केशव कुमार आशीष कुमार, सूरज कुमार एवं सहयोग के लिए आगे आए बसौना निवासी रंजीत कुमार पूर्व पैक्स अध्यक्ष, गोविंद कुमार पीयूष कुमार ऋषभ सिंह डॉक्टर निखिल चौहान विक्रम कुमार सुशील कुशवाहा संजीव कुमार प्रभाकर कुमार सीपीआईएम नेता बबलू कुमार छोटू कुमार अभिषेक कुमार मेहरा राजा कुमार कुशल युवा कार्यक्रम सिरौली के संचालक रंजन कुमार रोटगन्ना निवासी अनीता देवी खोकसाहा निवासी उमेश महतो, पत्रकार गौरव कुमार झा वही दूसरी ओर शिक्षक समुदाय से एम कुमार, संजीव झा, दिनेश कुमार, अंकित कुमार, रजनीश कुमार, टीबी सिंह, बी के शर्मा आदि सभी शिक्षकों ने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए अपना भरपूर आर्थिक सहयोग के साथ साथ लोगों से सहयोग की अपील किए। आर्थिक सहयोग के रूप में विभिन्न तरह से ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से 30355 रुपये प्राप्त हुए। इसके अलावे दुर्घटना ग्रस्त छात्र अमरजीत कुमार के भाई मंटुन कुमार के खाते पर 31000 रुपये लगभग परिजन के कहने के हिसाब से और कुछ लोगों के माध्यम से नगद 7812 रुपये प्राप्त हुआ। यानी कुल मिलाकर 69167 रुपये से सहयोग किये। सहयोग राशि उसके माता पिता को सुपुर्द किया गया। सभी लोगों का सहयोग के बावजूद ईश्वर ने किन्ही को नहीं सुना और अमरजीत कुमार का निधन 29 मार्च को हो गयी। सभी शिक्षकों ने अपने अपने वर्ग में छात्र अमरजीत कुमार की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का शोक सभा करा कर पठन पाठन का को एक दिन के लिए स्थगित किए।