की रिपोर्ट। सामूहिक प्रयास एवं आपसी समन्वय का बेहतर परिणाम निकलता है
गोरौल वैशाली जाहिद वारसी की रिपोर्ट।
सामूहिक प्रयास एवं आपसी समन्वय का बेहतर परिणाम निकलता है । इसका उदाहरण
मिली जानकारी के अनुसार गोरौल प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में देखने को मिल रहा है। विगत तीन वर्षों से
गोरौल में स्थायी प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी नही होने बावजूद अनुश्रवण व रिपोर्टिंग का एक मजबूत माध्यम संकुल समन्यवयको के विद्यालय वापसी के बावजूद प्रखंड के शैक्षिक माहौल पर इसका कोई खास असर नही दिखता है ।प्रखण्ड के प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों के साथ साथ बीआरपी कौसर परवेज खा एवं धर्मेन्द्र कुमार के बेहतर समन्यवय यहां के विद्यालय में शैक्षिक बेहतरी का एक मुख्य कारण है । प्रातः कालीन विद्यालय संचालन के दौरान प्रखंड के 56 प्राथमिक , 38 मध्य ,11 उत्क्रमित माध्यमिक एवं 5 उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों में से अधिकांश विद्यालयों में बच्चे ड्रेस कोड में ही नजर आते हैं ।वही चेतना सत्र में विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों का निर्माण कर उसकी समझ बच्चों में बनाने का प्रयास विद्यालयों के द्वारा किया जा रहा है । चेतना सत्र के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना के साथ साथ राष्ट्रगान का सामूहिक अभ्यास भी किया जा रहा है ।सभी विद्यालयो में स्कूल ड्रेस कोड की उपलब्धता को लेकर प्रखंड संसाधन केंद्र गोरौल की ओर से बीआरपी धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में आम लोगो के सहयोग से संचालित पेंसिल बैंक का असर विद्यालयों में दिखने लगा है। मध्य विद्यालय ठीकहां ,आदमपुर,रामदासपुर,सोन्धो,उत्क्रमित मध्य विद्यालय रूकमंजरी, रसूलपुर समसुद्दीन ,भटौलिया,भिखनपुरा उर्दू, बहादुरपुर गोढिया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बहादुरपुर ,मानपुरा, हसनपुर गंगटी ,प्राथमिक विद्यालय हरशेर उर्दू, इनायतनगर,गोरौल,नवसृजित प्राथमिक विद्यालय लोदीपुर दलित टोला, लोदीपुर कुर्मी टोला, मोहम्मदपुर दरिया,आदमपुर अजा टोला,विशुनपुर बांदे बथनिया टोला सहित अनेक विद्यालय हैं जहां सभी बच्चे स्कूल ड्रेस कोड में ही विद्यालय आते हैं ।