चमकी बुखार (एइएस) से निपटने और जागरूकता लाने के लिए जीविका दीदीयां गांव में करेंगी पहलकदमी
1 min readचमकी बुखार (एइएस) से निपटने और जागरूकता लाने के लिए जीविका दीदीयां गांव में करेंगी पहलकदमी
महुआ, नवनीत कुमार
इस गर्मी के समय में चमकी बुखार (एइएस) से निपटने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा जीविका दीदियों को भी टास्क सौपें गए हैं। उन्हें गांव में घर-घर जाकर पहलकदमी कर लोगों को इस रोग से बचाव के लिए जागरूक करने के लिए पहलकदमी करने कहा गया है।
बुधवार को यहां जीविका कार्यालय पर अस्पताल प्रशासन के द्वारा ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया गया। जहां जीविका दीदियों को बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि इस गर्मी के मौसम में बच्चों में मस्तिष्क ज्वर से चमकी हो जाता है और उससे हालत खराब हो जाती है। चमकी बुखार के विभिन्न लक्षणों के बारे में भी उन्हें बताया गया। उन्हें बताया गया कि सर दर्द के साथ बुखार होना, बच्चों को अर्ध चेतन अवस्था में हो जाना, बदन में बुखार के साथ चमकी आना, बुखार आने पर थरथराहट होना, बच्चों का बेहोश हो जाना, उनके हाथ पैर में थरथराहट और धड़कन बढ़ना, मानसिक संतुलन ठीक नहीं होना आदि चमकी बुखार के लक्षण माने जाते हैं। इस परिस्थिति में बच्चों को ताजा ठंडा पानी से बदन को पोछें, परासिटामोल डॉक्टर के सलाह पर दें, पंखा से हवा दे, बच्चों को करवट सुनाएं। उन्हें खासतौर पर बताया गया कि चमकी के लक्षण देखने पर उन्हें तुरंत महुआ अनुमंडल अस्पताल भेजें। ऐसे मरीज को वाहन खर्च अस्पताल प्रशासन द्वारा व्यय किया जाएगा। ट्रेनिंग में बताया गया कि इस समय बच्चों को रात में भूखे नहीं सोने दे, भरपेट खाना खिला कर ही सुलाएं, बच्चों को खाने में गुड़ या मीठा आहार जरूर दें, गर्दन सीधा करके सुनाएं। यहां मुख्य रूप से स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार तथा पीएचसी से डॉक्टर पहुंच कर जीविका दीदियों को इस चमकी बुखार से बचाव और लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रशिक्षण देकर उन्हें इस अभियान में भूमिका निभाने को कहा। ट्रेनिंग के दौरान जीविका दीदियों ने शपथ ली कि वे इस अभियान में सफल योगदान देंगे। उधर ग्रामीण चिकित्सक विकास संघ के द्वारा पीएचसी पर आयुष्मान भारत कार्ड बनाने और चमकी बुखार पर रोकथाम के लिए मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया। यहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमलेश कुमार, ग्रामीण चिकित्सक संघ के सुरेंद्र कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थित हुए। बताया गया कि महुआ अनुमंडल अस्पताल में चमकी बुखार से ग्रसित रोगियों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं। जहां आधुनिकतम व्यवस्था की गई है।