सुल्तानगंज थाना कांड संख्या 150 /22 के आरोपित अब तक पुलिस के गिरफ्त से बाहर।
सुल्तानगंज थाना कांड संख्या 150 /22 के आरोपित अब तक पुलिस के गिरफ्त से बाहर।
जब नीतीश के अधिकारी ही नही सुनते तो मंत्री का क्या?
नीतीश सरकार में पीड़ित महिला न्याय के लिए डर डर भटकने को है मजबूर क्या यही है नीतीश सरकार।
पटना पुलिस की अपनी मनमानी
सुल्तानगंज थाना द्वारा आरोपित को दिया गया छूट।
दहेज के लिए हो बेटी हो रही प्रतारित माँ ने कराया प्राथमिक दर्ज।
मो0 मोख्तार के साथ राजा कुमार पूट्टू की रिपोर्ट।
पटना सिटी:सुल्तानगंज थाना कांड संख्या 150 /22 के आरोपित अब तक पुलिस के गिरफ्त से बाहर। बीते दिन नीतीश सरकार के राज्य में एक महिला ने पटना सीटी के सुल्तानगंज थाना में एक पीड़ित महिला की माँ ने केस किया था। जिसका केस नो0 150/22 है। लेकिन इस केस के आरोपित अभी तक पुलिस की मिली भगत से गिरफ्त से बाहर है। मामला यह है कि दहेज के लिए बेटी हो रही प्रतारित माँ ने कराया प्राथमिक दर्ज। लेकिन सुल्तानगंज थाना द्वारा अब तक कोई करवाई नही किया गया। लेकिन आरोपित खुले आम पीड़ित महिला को धमकी देते हुए रोड पर चल फिर रहा है। सुलतानगंज थाना में दहेज के लिए बेटी को प्रताड़ित करने व जान से मारने के प्रयास से संबंधित प्राथमिकी मां की ओर से दर्ज कराई गई मालसलामी थाना अंतर्गत नगला निवासी पुतुल देवी ने दर्ज कराए गए मामले में पुलिस को बताया है कि 5 दिसंबर 2021 को बेटी की शादी पूरे रीति रिवाज के अनुसार दान दहेज देकर सुलतानगंज थाना के बवन टोली गली निवासी धीरज कुमार के बेटे रोहित प्रकाश से कराई गई थी। शादी के कुछ दिनों बाद पाँच लाख रूपीए एवं चार पहिया वाहन और फ्रिज की मांग को लेकर बेटी को प्रताड़ित किया जा रहा था ससुराल वालों ने जान मारने की प्रयास किया सुल्तानगंज थाना के केस के अनुसंधानकर्ता दिनेश कुमार ठाकुर से जब पत्रकारों ने बात किया तो अनुसंधानकर्ता दिनेश कुमार ठाकुर के द्वारा बताया गया कि इस केस का चार्ज सीट के लिए वरीय पदाधिकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पास भेज दिया गया है। आला अधिकारी से रिपोर्ट आने के बाद कोई भी कार्य किया जाएगा। जैसे गिरफ्तारी यह कुर्की जप्ती लेकिन सूत्रों के अनुसार पता चला है कि सुलतानगंज थाना के अनुसंधानकर्ता दिनेश कुमार ठाकुर ने अब तक अनुमंडला पुलिस पुलिस पदाधिकारी पटना सिटी के यहां पर कोई भी चार्ज शीट रिपोर्ट नहीं भेजा गया है। पीड़ित महिला को नही मिल रहा है न्याय। पीड़ित महिला को कैसे मिले गॉ न्याय।