श्री लक्ष्मी नारायण महाजन की हुई पूर्णाहुति सात दिवसीय महायज्ञ में वेद मंत्रों से गूंजता रहा इलाका
1 min readश्री लक्ष्मी नारायण महाजन की हुई पूर्णाहुति
सात दिवसीय महायज्ञ में वेद मंत्रों से गूंजता रहा इलाका, देवी देवताओं के जय घोष ओं के बीच महायज्ञ का विधिवत समापन
महुआ, नवनीत कुमार महुआ थाने के नारायणपुर बेलकुंडा धानेपट्टी मठ पर चल रहे सात दिवसीय श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति को लेकर मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यज्ञ में आचार्यों द्वारा किए जा रहे वेद मंत्रों के जाप से इलाका गुंजता रहा। यहां यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। पूर्णाहुति के मौके पर आचार्य और यजमान द्वारा देवी देवताओं की विदाई की गई और क्षेत्र में खुशहाली के लिए लोगों ने प्रार्थना की। यज्ञ पूजन के लिए महिलाओं की भीड़ अधिक हो गई।
यज्ञ में समापन के मौके पर श्रद्धालुओं के बीच प्रवचन का रसपान कराते हुए संतों द्वारा बताया गया कि श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का अनुष्ठान कराने से क्षेत्र में सुख-समृद्धि आती है। माता लक्ष्मी और स्वयं नारायण अन्न-धन के देवता है। उनकी कृपा से ही मानव जीवन में सुख शांति के साथ प्रेमभाव होता है। ग्रामीण इलाके में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के अनुष्ठान से किसानों के खेत खलिहान अन्न धन से भरते हैं। महायज्ञ में श्रद्धालुओं के लिए भंडारा भी चलाया गया। यहां यज्ञ में रासलीला, प्रवचन के साथ झूला, सर्कस, जादूगर, खेल तमाशे का भी दर्शकों ने लुत्फ उठाया। यज्ञ कमेटी के अध्यक्ष अमरेश सिंह, कोषाध्यक्ष रजनीश कुमार, नवीन कुमार चुन्नू, राजेश कुमार, सुनील कुमार पिंटू , प्रियेश कुमार, रौशन ठाकुर, मोनिटरिंग कमिटी के कुमार सौरभ, गुंजा कुमारी, मनीष कुमार, नितेश कुमार आदि ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और उनकी सुरक्षा को लेकर पूरी व्यवस्था की गई थी। पानी, शरबत, चाय आदि से लेकर ठहरने का भी प्रबंध किया गया था। यहां यज्ञ में शाम होने के साथ परिसर श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार हो उठता था। रात को तो चकाचौंध रौशनी से यज्ञ परिसर ही नहीं बल्कि पूरा गांव जगमग बना रहता था। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु यज्ञ देवता को पूजन के लिए पहुंचते रहे। यज्ञ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या अधिक रही। लोगों ने बताया कि यहां यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने के लिए सुबह में अधिक भीड़ हो जाती थी। वही शाम ढलने के बाद दर्शकों और श्रद्धालुओं की भीड़ से यज्ञ परिसर गुलजार हो उठता था। ग्रामीणों का पूर्ण सहयोग इस यज्ञ में मिलता रहा। विधि विधान के साथ देवी देवताओं के जयघोष के बीच इस यज्ञ की पूर्णाहुति की गई इस मौके पर श्रद्धालुओं के जयघोष से यज्ञ परिसर ही नहीं बल्कि पूरा इलाका गूंज उठा। यज्ञ की पूर्णाहुति के मौके पर देवी देवताओं की विदाई के वक्त खासकर महिला श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई। लोगों ने यज्ञ देवता से क्षेत्र में समृद्धि के साथ आपसी प्रेम, भाईचारा, अपनत्व बनाए रखने के लिए मन्नत मांगी।