बहुआरा चौक स्थित नए बस स्टैंड संचालक की अपराधियों द्वारा गोली मारने के छह दिन बाद इलाज के दौरान पटना में हुई मौत
पातेपुर से मोहम्मद एहतेशाम पप्पु की रिपोर्ट।
पातेपुर थाना क्षेत्र के बहुआरा चौक स्थित नए बस स्टैंड संचालक की अपराधियों द्वारा गोली मारने के छह दिन बाद इलाज के दौरान पटना में हुई मौत का सदमा मृतक के पिता बर्दास्त नही कर सके और रविवार को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बस स्टैंड संचालक जितेंद्र राय की मौत के दिन से ही सदमे में पड़े उनके पिता शिवजी राय की मौत की खबर फैलते ही उनके आवास पर लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा। सवजनों का रो रो कर बुरा हाल बना है। परिवार के सदस्यों को रोते बिलखते देख हर किसी की आंखे नम हो रही है। मृतक जितेंद्र की पत्नी एवं बच्चे का हाल विक्षिप्त जैसा हो गया है।
बताते चले की बीते पांच नवंबर की देर रात बहुआरा चौक पर स्थित नए बस स्टैंड में अपने कार्यालय में बैठे स्टैंड संचालक जितेंद्र राय उर्फ जित्तन पर बाइक सवार अपराधियों गोलियों की बौछार कर दी थी। जिसमे जितेंद्र को दो गोली एक सीने के नीचे एवं एक कांधे के पास लगी थी। गोली लगने से घायल जितेंद्र को स्थानीय लोगो द्वारा हाजीपुर और फिर पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां छह दिन बाद 11 नवंबर की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जितेंद्र की मौत के बाद सवजनों में कोहराम मच गया था। वही लोगो में घटना से अक्रोशित होकर 19घंटे तक महुआ ताजपुर मार्ग को पूरी तरह जाम रखा था। स्थानीय लोगो ने बताया कि पुत्र की मौत के बाद से ही जितेंद्र राय के पिता शिवजी राय सदमे बिल्कल शांत होकर अपने आंखो से हमेशा आंसू बहाते हुए जी रहे थे। इसी दौरान रविवार की सुबह उनकी अचानक मौत हो गई। शिवजी राय की मौत की जानकारी लोगो को मिलते ही क्षेत्र के लोग उनके आवास पर जुट गए। हर कोई इस हृदय विदाराक घटना से मर्माहत होकर भगवान को कोस रहा था।जितेंद्र की मौत के बाद घर की महिलाओं एवं बच्चो के आंख के आंसू अभी सूखे भी नही थे कि घर में एक और मौत से लोगो का रोते रोते बुरा हाल बना है। गौरतलब हो कि जितेंद्र की हत्या में शामिल एक भी आरोपी को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि उक्त मामले में जितेंद्र राय के पिता शिवजी राय ने ही चार नामजद एवं चार अज्ञात लोगो के विरुद्ध थाने में प्रथिमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से फिर एक बार लोगो में आक्रोश देखा जा रहा है।