नौ दिवसीय महायज्ञ की पूर्णाहुति आज
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यज्ञ की पूर्णाहुति पर होगी महाआरती और अंधकार पर प्रकाश की विजय के लिए जलेंगे दीए
महुआ, रेणु सिंह
महुआ मंगरू चौक से कोआरी इमादपुर जाने वाली सड़क पर पहाड़पुर चौक के पास चल रहे श्रीविष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति शुक्रवार की पूर्वाह्न 11 बजे होगी। यज्ञ की पूर्णाहुति पर महाआरती के साथ अंधकार पर प्रकाश का विजय को लेकर दीए जलाए जाएंगे। इस मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यज्ञ पूर्णाहुति पर विशाल भंडारा का भी आयोजन किया गया है।
गुरुवार को तो यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ हुई कि अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। यहां भक्ति लोगों को सिर चढ़कर बोल रही है। 40 महिलाओं व लड़कियों ने 12 से लेकर 24 घंटे तक निर्जला उपवास रखकर यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर अपना विद्यमान काम किया है। उन्होंने संकल्प के साथ यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। घर परिवार, समाज की खुशहाली के साथ विश्व कल्याण के लिए यज्ञ देवता से मन्नत मांगी। यहां यहां अनीशा, रिंकी, राजनंदिनी, पूजा, विद्या, चांदनी, रवीना, चंचल, खुशबू, सुमन, उषा, संजू, अंकिता, गुड्डी, मुस्कान, माधुरी, आरती, नंदनी, काजल, मीणा, रेखा, राजकुमारी, महिमा, इन्नर, ज्योति, रिंकू, सोनी, फूला, वीणा, प्रियंका, सुंदर, रोशनी, पुतुल, अमृता, कृष्णा, सुधा सहित 40 श्रद्धालुओं ने 12 से लेकर 24 घंटे तक यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर रिकॉर्ड कायम किया है। यज्ञ में 11 यजमान दंपति मंत्रोचार में लगे हैं। यज्ञ कमेटी के द्वारा श्रद्धालुओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। यहां साधु, संत, महात्मा यज्ञ विधिवत संपन्न कराने में लगे हैं। उनके द्वारा मंत्रोचार से इलाका गुंजायमान है। भक्ति और आस्था तो लोगों में सिर चढ़कर बोल रही है। यज्ञ देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं पर प्रकृति भी मेहरबान है। आकाश में बादल छाए रहने से धूप और गर्मी से उन्हें निजात मिल रही है। यहां विभिन्न देवी-देवताओं की बनी 101 मूर्तियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मूर्तियों में राजा हरिश्चंद्र का पत्नी सैव्या से पुत्र रोहित के शव दफन के लिए कफन का मांगना लोगों को भाव विहल कर दे रहा है।