एक पुरानी कहावत है की लिखंत के आगे वकतंत का नहीं चलता है लेकिन यह बात गलत है
1 min readएक पुरानी कहावत है की लिखंत के आगे वकतंत का नहीं चलता है लेकिन यह बात गलत है क्योंकि इस कहावत को फतुहा तत्कालीन अंचलाधिकारी अनीता भारती ने गलत साबित कर दिया की नहीं बकतंत के आगे लिखंत का नहीं चलता।
पटना/फतुहा:पटना सिटी अनुमंडल अंतर्गत फतुहा थाना क्षेत्र के कहानी है एक पुरानी कहावत है की लिखंत के आगे वकतंत का नहीं चलता है लेकिन यह बात गलत है क्योंकि इस कहावत को फतुहा तत्कालीन अंचलाधिकारी अनीता भारती ने गलत साबित कर दिया की नहीं बकतंत के आगे लिखंत का नहीं चलता है यह मामला फतुहा थाना के मिर्जापुर नोहटा निवासी एक ऐसे व्यक्ति की है जिनका नाम श्री छोटू ठाकुर जो कि खुद फतुहा ब्लॉक के सेवानिवृत्त कर्मचारी रह चुके हैं जिनकी उम्र 85 साल है उन्होंने 2001 में अपनी पत्नी तिलेश्वरी देवी के नाम से खाता संख्या 104 खेसरा संख्या 264 में 2 डिसमिल जमीन की खरीद की जिसके सारे कागजात मौजूद हैं 264 प्लॉट का पूरा रकबा 12 डिसमिल है जिसमें से 10.854 डिसमिल जमीन विभिन्न व्यक्तियों के हाथों बेचा जा चुका है यह जानते हुए भी फतुहा अंचलाधिकारी ने वर्ष 1998 में जिस व्यक्ति के नाम से रसीद 1.25 डिसमिल का कट रहा था उसको बढ़ाकर 9.75 डिसमिल 1994 से 2021- 2022 तक काट दिया गया और यही बढ़ा हुआ रकबा आज भूमि विवाद का कारण बना हुआ है।