August 22, 2023

NR INDIA NEWS

News for all

भारतरत्न डॉ.वी.वी.गिरि ने भारत की विनष्ट होती श्रम – संस्कृति को पुनर्स्थापित किया : डॉ. यति

1 min read

भारतरत्न डॉ.वी.वी.गिरि ने भारत की विनष्ट होती
श्रम – संस्कृति को पुनर्स्थापित किया : डॉ. यति
*****************************************
सम्मान से व्यक्तित्व में निखार आता है : डॉ. जे.बी. पाण्डेय
*****************************************
पटना। प्रसिद्ध शिक्षाविद,साहित्यकार एवं सामाजिक चिंतक डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय की अध्यक्षता में पटना स्थित युवा आवास सभागार में देश के पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ वी.वी. गिरि की 129वीं “जयंती सह सम्मान समारोह” संपन्न हुआ,जिसका उद्घाटन उद्घाटन प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रो.(डॉ.)सुधा सिन्हा,स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी मनुनन्दन गिरि,गोस्वामी गौरव डॉ. रघुवीर भारती एवं गोस्वामी जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पी.एस. दयाल यति ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
हरियाणा से आये योगी महावीर सिंह पवार ने कहा कि डॉ. वी.वी.गिरि के विचारों के रास्ते ही गोस्वामी समाज का भला होगा। उन्होंने विस्तार से भारत रत्न डॉ. वी.वी. गिरि के कार्य और संघर्ष के बाद के बारे में जानकारी देते हुए यह जोर देते हुए कहा कि भारत के मजदूरों के मान-सम्मान के लिए आजीवन उन्होंने संघर्ष किया।
‘जिज्ञासा संसार’ पत्रिका एवं ‘गोस्वामी जागरण मंच’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सारस्वत समारोह में नेपाल से आये महात्मा घीसिंग गिरि शास्त्री ने कहा कि डॉ. वी.वी.गिरि निर्दलीय चुनाव जीतकर के उस समय के कांग्रेस के उम्मीदवार नीलम संजीवा रेड्डी को ना केवल हराया,बल्कि एक नई शुरुआत की।तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के समय में उन्होंने यह काम किया।
वहीं अपने संबोधन में मनुनन्दन गिरि ने कहा कि डॉ. गिरि श्रमिकों के लिए सदा काम करते रहे।रेल मजदूरों के लिए उन्होंने यूनियन की स्थापना की।उनके द्वारा रचित पुस्तक आज भी प्रासंगिक बनी हुई है।
गोस्वामी जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जिज्ञासा संसार के संपादक डॉ. पी.एस. दयाल यति ने समारोह को संबोधित करने के क्रम में कहा कि भारत श्रम संस्कृति का देश रहा,जिसके कारण यहां का गांव-समाज सदैव स्वायत्त रहा। बाद में आर्य संस्कृति के हमले से वह विनष्ट होता चला गया।भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ वी.वी.गिरि ने विनष्ट होती भारतीय श्रम संस्कृति को पुनर्स्थापित करते हुए श्रम आंदोलन का नेतृत्व किया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो.(डॉ.)जंग बहादुर पाण्डेय ने कहा कि गोस्वामी जागरण मंच और जिज्ञासा संसार परिवार के संयुक्त तत्वावधान में वर्षों से आयोजित हो रही जयन्ती सह सम्मान समारोह अपने विरासत को सहेजने,संवारने और बढ़ाने में सहयोगी है।उन्होंने यह भी कहा कि सम्मान से व्यक्तित्व में निखार आता है।अतः संस्था द्वय यह काम भी बखूबी कर रहा है।
श्रम श्रमिक और संस्कृति विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को डॉ. मधु प्रभा सिंह,सुरेश कुमार गिरि,कौलभास्कर वीरेन्द्र गिरि,डॉ. संतोष कुशवाहा,डॉ. शशि कुमार सिंह,धीरेंद्र निषाद,तुलसीदास गोस्वामी, रजनीकांत गिरि,डॉ. नीतीश गिरि आदि ने संबोधित किया।इस अवसर पर ‘जिज्ञासा संसार’ के 13वें वर्ष के प्रवेशांक का लोकार्पण भी हुआ।
समारोह के पहले सत्र में काव्यपाठ हुआ जिसकी अध्यक्षता प्रो(डॉ.) सुधा सिन्हा ने किया और उद्घाटन प्रो.(डॉ.)जंग बहादुर पाण्डेय ने।वहीं,मंच संचालन श्वेता ग़ज़ल के हिस्से रहा।इस सत्र में डॉ. अलका वर्मा,राजकांता राज,स्मृति कुमकुम,राजप्रिया, डॉ. नूतन सिन्हा,कवि सिधेश्वर,डॉ. अंकेश कुमार,मो.नसीम अख्तर, डॉ. पंकज प्रियम,अरुण कुमार गौतम सहित दर्जनों कवि/गज़लगो/कवयित्रियों ने काव्यपाठ किया।
जयन्ती सह सम्मान समारोह के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आए 25 से अधिक व्यक्तियों को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए विभिन्न सम्मानों से विभूषित किया गया।जिसमें डॉ. सुधा सिन्हा, डॉ. सुरेश कुमार,डॉ. अलका वर्मा,प्रदीप सिंह यादव,भावना कुमारी तर्वे,डॉ मीना कुमारी परिहार,अभय प्रकाश सिंह,डॉ शशि कुमार सिंह शामिल हैं।समारोह का संचालन जिज्ञासा संसार के सहायक संपादक कुमार सुंदरम ने किया,जबकि आरंभ में वाणी वंदना डॉ. नूतन सिन्हा और स्वागत भाषण गान प्रदीप सिंह यादव ने किया।अंत में धन्यवाद ज्ञापन थावे विद्यापीठ के पूर्व प्रतिकुलपति डॉ अरविंद आनन्द ने किया।समारोह में विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.