July 13, 2021

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कुर्बानी हलाल पैसे से ही जायज़ – कारी अनस/रिपोर्ट नसीम रब्बानी

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कुर्बानी हलाल पैसे से ही जायज़ – कारी अनस/रिपोर्ट नसीम रब्बानी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

शाही जामा मस्जिद, तकिया कवलदह में क़ुर्बानी के मसाइल पर दर्स हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत की गई। नात-ए-पाक पेश हुई।
मुख्य वक्ता कारी मो. अनस रज़वी ने कहा कि क़ुर्बानी का सिलसिला ईद-उल-अज़हा के दिन को मिलाकर तीन दिनों तक चलता है। मुसलमान अल्लाह की रज़ा के लिए क़ुर्बानी करता है। हलाल तरीके से कमाये हुए पैसे से क़ुर्बानी जायज़ मानी जाती है, हराम की कमाई से नहीं। अल्लाह क़ुरआन-ए-पाक में इरशाद फरमाता है कि “ऐ महबूब अपने रब के लिए नमाज़ पढ़ो और क़ुर्बानी करो।”
उन्होंने कहा कि ऐसे जानवरों की ही क़ुर्बानी करें जिसकी हमें भारतीय कानून से इजाजत है जैसे भैंस, बकरा-बकरी, दुंबा, भेड़ आदि। क़ुर्बानी में भेड़, बकरा-बकरी, दुम्बा सिर्फ एक आदमी की तरफ से एक जानवर होना चाहिए और भैंस, ऊंट में सात आदमी शिरकत कर सकते हैं। क़ुर्बानी के लिए ऊंट पांच साल, भैंस दो साल, बकरा-बकरी एक साल का होना चाहिए। कुर्बानी के दिनों में साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। अपशिष्ट पदार्थ सड़कों पर न फेंके। दीन-ए-इस्लाम में साफ-सफाई को आधा ईमान करार दिया गया है लिहाजा इसका खास ख्याल रखें। क़ुर्बानी को लेकर सोशल मीडिया पर मजाकिया मैसेज से सख्ती के साथ खुद भी बचें और दूसरों को भी बचाएं।
हाफ़िज़ आफताब ने बताया कि हदीस में आया है कि पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि यौमे ज़िलहिज्जा यानी दसवीं ज़िलहिज्जा में इब्ने आदम का कोई अमल अल्लाह के नज़दीक क़ुर्बानी करने से ज्यादा प्यारा नहीं है। ईद-उल-अज़हा में हर वह आकिल, बालिग मर्द-औरत मुसलमान जो क़ुर्बानी के तीन दिनों के अंदर जरूरते अस्लिया को छोड़कर कर्ज से फारिग होकर तकरीबन 40 से 45 हजार रुपया का मालिक हो जाए तो उसके ऊपर क़ुर्बानी वाजिब है। इसी वजह से हर मुसलमान इस दिन क़ुर्बानी करवाता है। हदीस में है कि सहाबा किराम ने अर्ज किया या रसूलल्लाह हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम यह क़ुर्बानी क्या है? आपने फरमाया तुम्हारे बाप हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है। जो इस उम्मत के लिए बरकरार रखी गई है।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। दर्स में हाफ़िज़ आरिफ, मोहम्मद कासिद, मोहम्मद अरमान, जलालुद्दीन, अली हसन आदि मौजूद रहे।

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