जन सुराज एक पार्टी नहीं जन आंदोलन है : रिटायर्ड डीआईजी अब्दुल्लाह
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जन सुराज एक पार्टी नहीं जन आंदोलन है : रिटायर्ड डीआईजी अब्दुल्लाह
रिपोर्ट: शबनम परवीन
हाजीपुर/महुआ (वैशाली) जन सुराज पार्टी के महुआ विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रिटायर्ड डीआईजी अब्दुल्लाह साहब का आज छौराही और आसपास के कई गांवों में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्थानीय नागरिकों ने “जय बिहार जनता का राज, जन सुराज” के नारों के साथ उनका ज़ोरदार अभिनंदन किया। अपने संबोधन में डीआईजी अब्दुल्लाह साहब ने कहा कि जन सुराज पार्टी समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की आवाज़ बनने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि “जन सुराज की विचारधारा गांधी जी के ‘जन शासन’ की अवधारणा पर आधारित है। हम हर वर्ग,खासकर गरीब,वंचित और अशिक्षित लोगों तक पहुँचकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं और यह समझा रहे हैं कि एक पारदर्शी और जनहितकारी प्रशासन कैसा होता है।डीआईजी अब्दुल्लाह ने वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले बीस वर्षों से बिहार की राजनीति में दल-बदल और विचारधारा से भटकाव की प्रवृत्ति हावी रही है।“जनता ने नेताओं को उनके विचारों पर चुना लेकिन वे अवसरवादी बनकर कभी लालटेन तो कभी कमल का सहारा लेते रहे। यही कारण है कि आम जनता ठगा महसूस कर रही है।उन्होंने राज्य में बेरोजगारी की समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि “डिग्री लेने के बाद बिहार के नौजवान रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं।क्योंकि यहाँ उद्योग-धंधों का अभाव है। जनता त्रस्त है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं।डीआईजी अब्दुल्लाह ने कहा कि वह राजनीति में किसी पद या लाभ के लिए नहीं बल्कि सेवा के उद्देश्य से आए हैं।मैं आपके दुख-सुख में साथ रहने का वादा करता हूँ। अगर मुझे जन प्रतिनिधि बनने का अवसर मिला, तो यह मेरी नहीं आप सबकी जीत होगी। जन सुराज सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है । इस मौके पर मोहम्मद अलाउद्दीन, मोहम्मद दाऊद, मोहम्मद मंजर अली, गुलाम समदानी, असगर अली, मोहम्मद शमशुल, मोहम्मद राजा अंसारी, मोहम्मद मुर्तजा अंसारी, मोहम्मद रफी, मोहम्मद जलालुद्दीन, मोहम्मद कौनेन समेत बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे।