युवाओं के बलबूते वैक्सीनेशन की नैया पार करा रहे आशुतोष /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
युवाओं के बलबूते वैक्सीनेशन की नैया पार करा रहे आशुतोष /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– 95 प्रतिशत जीविका दीदी व उनके परिवारों का कराया टीकाकरण
– भ्रम को मिटाने में धर्मगुरुओं का लिया साथ
मुजफ्फरपुर। 29 जुलाई
जिले का मड़वन प्रखंड लगभग 40 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा कर चुका है। जाहिर है इसके पीछे हर उस व्यक्ति का हाथ है जिसने किसी न किसी रुप में लोगों के बीच जाकर जागरुकता फैलायी हैं। इसी में कुछ ऐसे विरले भी होते हैं जिनकी रणनीति या सोंच लोगों से हटकर या कुछ अलग होती है। जिसकी बदौलत एक वर्ग को टीकाकरण का फायदा मिलता है। ऐसे ही अलग सोंच रखने वाले एक शख्स हैं जीविका मड़वन के ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर आशुतोष कुमार। इनकी नायाब सोंच ने युवाओ को जागृत कर टीकाकरण को एक नई दिशा दी जिसकी बदौलत अब लोग न सिर्फ जागरुक हुए है बल्कि वह खुद एक दूसरे को वैकसीनेशन के फायदे बता रहे हैं।
शत प्रतिशत जीविका दीदीयों का कराया टीकाकरण
आशुतोष कहते हैं कि मड़वन के 14 पंचायत हैं उनमें जीविका के कुल 132 ग्राम संगठन हैं जिसमें कुल 23918 परिवार जुड़े हैं। जीविका से जुड़े परिवारों में 18 से 44 वर्ष तक की 17215 महिला में 15489, तथा 45 प्लस 8726 में से 8452 महिलाओं का टीकाकरण हो चुका है। वहीं प्रखंड के सभी जीविका कर्मी कैडर व समुदाय आधारित संस्था के लीडर का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है। इसके लिए मैंने वैक्सीनेशन के शुरु से ही सभी जीविका दीदीयों के परिवार में 18 प्लस 45 प्लस तथा गर्भवतियों की सूची तैयार करायी। ऐसा सटीक डेटा शायद ही राज्य में कहीं और हो। इसके लिए मैंने अपने प्रयास से चिकित्सा पदाधिकारी से मिल जीविका दीदीयों के लिए डेडिकेटेड वैक्सीन सेंटर चलवाए। जिसमें जीविका दीदीयों को टीकाकृत किय जा सके।
युवाओं की बदौलत बदली तस्वीर
आशुतोष कहते हैं कि जागरुकता के दौरान भ्रम ने लोगों के बीच अपनी गहरी पैठ बना ली थी। सबसे ज्यादा बीच अल्पसंख्यक, दलित और महादलित समुदायों के बीच थी। किसी को भ्रम था कि यह इससे वह बीमार हो जाएगें तो किसी समुदाय के बीच भ्रम था कि इससे जनन प्रक्रिया पर असर पड़ेगा। इसके लिए मैंने बीडीओ, चिकित्सा पदाधिकारी प्रतिदिन इन इलाकों में जाते थे, लोगों के बीच सही बात रखी जाती थी। अल्पसंख्यक समुदाय के मुहल्लों मे उनके धर्मगुरुओं के साथ बैठक की। नगर निगम क्षेत्र में आने वाले जामा मस्जिद के धर्मगुरुओं ने भी इस कार्य में मेरी सहायता की। इस जागरुकता में मैंने खास कर युवाओं को समझाया। क्योंकि मुझे महसूस हुआ कि अगर इस वर्ग ने टीका लिया तो जागरुकता का यह अभियान को वह खुद आगे ले जाएगे और ठीक वैसा ही हुआ जैसा मैनें सोंचा..।वहीं प्रखंड स्तर पर 18 प्ल्स के कुल लक्ष्य का 33 प्रतिशत तथा 45 प्लस के 32554 में 49 प्रतिशत लोग टीकाकृत हो चुके है
एक युवा से पूरा मुहल्ला हुआ जागरुक
आशुतोष कहते हैं युवाओं को जागरुक करने का प्रतिफल यह मिला कि एक युवा को जागरुक कर वैक्सीनेट करने से उसने मुहल्ले और अपने साथीयों को इसके बारे में बताया कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। ऐसा हमें तब मालूम चला जब लोगों से पूछने पर कहा कि हमें मालूम है यहां के युवाओं ने टीका लिया है उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। अब साइटों पर वैक्सीनेशन के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।