September 2, 2021

NR INDIA NEWS

News for all

गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के प्रबंधक मोहम्मद शब्बीर खान चिकित्सक के उपर नहीं देते हैं रिपोर्ट।/ सनोवर खान के साथ मनोज सिंह की रिपोर्ट।

1 min read

गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के प्रबंधक मोहम्मद शब्बीर खान चिकित्सक के उपर नहीं देते हैं रिपोर्ट।/ सनोवर खान के साथ मनोज सिंह की रिपोर्ट।

अस्पताल निबंधित पुर्जा रसीद काटने का पैसा किस मद में जाता है औऱ किस चीज उपयोग होता है। और ना ही लिख कर चिपकाया गया है। की निबंधन का क्या शुल्क है दो रुपये के बजाए पांच रुपए का निबंधन शुल्क बसूल किया जाता है। इन सब बातो से अस्पताल प्रबंधक अनजान क्यों है। ना ही दवा का लिस्ट चिपका रहता है और ना ही डॉक्टर साहब का समय सीमा।

पटना सिटी का गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के प्रबंधक मोहम्मद शब्बीर खान चिकित्सक के उपर नहीं देते हैं रिपोर्ट।
इस अस्पताल के अधिकांश चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस में अपना ज्यादा समय व्यतीत करते हैं यही कारण है कि समय पर न तो ड्यूटी आते हैं ना जाते हैं इस पर ध्यान देने वाला प्रशासन को इस से कोई मतलब नहीं है। अधीक्षक और मैनेजर के मिलीभगत से ऐसा सब कुछ चल रहा है। रोगी कल्याण समिति की ना तो कभी बैठक होती है नहीं किसी मुद्दे पर विचार विमर्श होता है केवल खानापूर्ति करके हस्ताक्षर बना दिया जाता है। समिति के सदस्यों को बहुत सारी अस्पताल के विषय में जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। रोगी कल्याण समिति का पैसा कहां जाता है किस मद में खर्च करना है इसके लिए कोई उचित निर्णय नहीं हो पाता है क्योंकि आपस में तालमेल का अभाव होने के कारण अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यदि अस्पताल को सुचारू रूप से मरीज की समस्या को ध्यान में रखकर कल्याण समिति की बैठक आहूत किया जाए और उसमें होने वाले निर्णय से नोटिस बोर्ड पर लगा कर अस्पताल परिवार को इसकी जानकारी दिया जाए तो शायद आने वाला समय में व्यवस्था सुधरेगा एवं मरीज का इलाज आसानी से हो पाएगा। अस्पताल के इर्द-गिर्द असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा रहता है जिस को हटाने के लिए अस्पताल प्रबंधक ने कभी भी पुलिस को चिट्ठी नहीं लिखी बल्कि इनसे मिलीभगत का भी संदेह पैदा हो रहा है। हालाकी अस्पताल को सुधारना कोई मामूली आसान काम नहीं है क्योंकि हर पदाधिकारी कहीं ना कहीं संबंधित विभाग के आला अफसरों के संपर्क में रहते हैं और उन को खुश करने के लिए समय-समय पर बढ़िया उपहार भी भेंट करते रहते। कारण चाहे जो भी हो आय से अधिक संपत्ति का मामला आर्थिक अपराध इकाई को किसी संस्था ने भेजा है जिस पर कार्रवाई की बात चल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.