वैशाली जनपद से उत्पन्न होकर बज्जिका भाषा देश विदेश में परचम लहरा रही है: अखौरी चन्द्रशेखर रिपोर्ट नसीम रब्बानी वैशाली : बज्जिकांचल की मातृभाषा बज्जिका को नेपाल सरकार ने सरकारी कामकाज की भाषा के रुप में मान्यता प्रदान कर दिया है। वैशाली जनपद से उत्पन्न होकर बज्जिका भाषा देश विदेश में परचम लहरा रही है। राष्ट्रीय बज्जिका भाषा परिषद के महासचिव अखौरी चन्द्रशेखर ने उक्त बातें कही,साथ ही साथ उन्होंने नेपाल सरकार को हार्दिक बधाई देते हुए आभार भी व्यक्त किया। परिषद के उपाध्यक्ष राम नरेश शर्मा ने नेपाल सरकार के इस पहल पर अत्यन्त हर्ष व्यक्त करते हुए इसे बज्जिका के विकास के लिए युगान्तकारी घटना बतलाया। उपाध्यक्ष विद्या चौधरी ने भी इसे सराहनीय कदम कहा। संयुक्त सचिव मणिभूषण प्रसाद सिंह अकेला ने इस अवसर पर नेपाल सरकार के लिए आभार व्यक्त किया। प्रो ध्रुव कुमार ने इसे बज्जिका विकास के रुप में संदर्भित किया। युवा शोधकर्ता अमय कुमार ने नेपाल के बज्जिका साहित्यकारों को हार्दिक बधाई दिया।
वैशाली जनपद से नेपाल के दक्षिणी भाग मधेशी इलाके तक, लगभग पांच करोड़ जन-समुदाय की मातृभाषा बज्जिका है। इस क्षेत्र की जनता बज्जिका ही बोलती और समझती है। विशिष्ट लोक-परंपरा, संस्कृति ,साहित्य और अन्य कई लोक कलाओं से समृद्ध बज्जिका भाषा यहाँ के सामान्य जन के जीवन का सत्य है
बिहार सरकार से भी विनम्र निवेदन किया गया कि बज्जिका भाषा की अकादमी का गठन कर के इस भाषा को उचित सम्मान दिया जाए। संस्कृति सम्पन्न बज्जिका भाषा और साहित्य का संरक्षण करते हुए मान्यता दिया जाए।
संस्था के सदस्य डा वीरमणि राय, सुधा वर्मा,विजय गुप्ता, उमेश निराला ,संयुक्त सचिव चन्द्रभूषण सिंह शशि,रणधीर कुमार, रणधीर सिंह, साधना कृष्ण अपूर्व कुमार आदि ने भी नेपाल सरकार को धन्यवाद दिया।