July 29, 2022

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*समस्तीपुर/अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित*

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*अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित*

समस्तीपुर (जकी अहमद)

समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के जूलॉजी विभाग में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया! जिसमें बाघों के संरक्षण को लेकर आज के दिन सेमिनार का आयोजन किया जाता हैं। इस के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को बाघों के देख देख और सुरक्षा बारे में जानकारी दी जाती है और उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया जाता है। जो संगठन बाघों की रक्षा के लिए कार्य करते हैं, उनका प्रोत्साहन करने के साथ दान दिया जाता है।
इस कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया! समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के प्राचार्य डॉ सत्यन कुमार ने बताया कि बाघों के संरक्षण को लेकर आज के दिन सेमिनार का आयोजन होता है।29 जुलाई को हर साल विश्व के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य से मनाते हैं। इस मौके पर लोगों को बाघ के प्रजातियों के खत्म होते अस्तित्व के प्रति जागरूक करते हैं। दरअसल, वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 150 सालों में बाघों की संख्या में लगभग 95 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है। बाघ दिवस मनाने का फैसला करते हुए देशों ने बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। कई देश इस लक्ष्य को पूरा करने के दिशा में प्रयास कर रहे हैं। हालांकि भारत ने साल 2018 में ही बाघों की प्रजातियों को दोगुना करने के अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया है। साल 2018 में भारत में बाघों की संख्या 2900 से ज्यादा थी।
आइए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई, बाघ दिवस का इतिहास क्या है और इस साल की बाघ दिवस की थीम क्या है।
बाघ दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। रूस के पीटर्सबर्ग में एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। इस अंतरराष्ट्रीय समिट में 13 देशों ने हिस्सा लिया था। बाघों की विलुप्त होती प्रजातियों पर चिंता जताते हुए बाघों की संख्या 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य बना लिया।
पिछले साल बाघ दिवस की थीम “Their survival is in our hands.”थी। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2022 की थीम “India launches Project Tiger to revive the tiger population” है यानी बाघों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए भारत ने प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया है।मौके पर प्रो० एन तिवारी, प्रो०सर्वेश बनर्जी, प्रो०जितेंद्र प्रसाद, अभय सर, अतनु बनर्जी, मुकुंद , हेमा, पूजा, पल्लवी,जेलसी आदि छात्र छात्राएं मौजुद थे!

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