महुआ में तीज पर खरीदारों की भीड़ से दिखी चहल पहल
महुआ में तीज पर खरीदारों की भीड़ से दिखी चहल पहल
महिला श्रृंगार प्रसाधन से लेकर फलों की हुई अप्रत्याशित बिक्री, खरीदारों की भीड़ से दुकानदारों के खिले चेहरे
महुआ, नवनीत कुमार
हरतालिका तीज और (गणेश चतुर्थी) चौथचंदा पर्व के पूर्व संध्या पर सोमवार को खरीदारों की भीड़ से महुआ बाजार गुलजार हो उठा। भीड़ ऐसी कि यहां रुक रुक कर जाम की स्थिति बनती रही। हालांकि खरीदारों की भीड़ के कारण दुकानदारों के चेहरे खिले रहे। यहां महिला श्रृंगार प्रसाधन सामग्रियों से लेकर फलों की अप्रत्याशित बिक्री हुई।
सुहागिनों द्वारा पति को दीर्घायु होने के साथ सुख संपदा के लिए की जाने वाली हरतालिका तीज मंगलवार को मनाया जाएगा। इस व्रत को लेकर सुहागिनों में खासा उत्साह है। व्रत के पूर्व संध्या पर व्रतियों ने नहाए खाए के साथ पर्व का अनुष्ठान रखा। इस मौके पर व्रतियां नहाकर सात्विक भोजन किया। बताया गया कि मंगलवार को व्रतियां निर्जला उपवास रख दुल्हन की तरह सज हबरकर तीज व्रत रखेंगे और पूजन पर पंडितों से शिव और पार्वती की कथा श्रवन करेंगी। वही शाम से चतुर्थी हो जाने के कारण चौथ चंदा व्रत भी चांद देखकर किया जाएगा। पंडितों ने बताया कि मंगलवार को अपराहन चतुर्थी हो जाएगा। इसके कारण शाम में चांद देखकर चौथचंदा का व्रत होगा। वही बुधवार को गणपति बप्पा मोरिया पूजा की तैयारी यहां विभिन्न जगहों पर की गई है। इधर बाजारों में व्रतियों द्वारा महिला श्रृंगार प्रसाधन से संबंधित एक एक सामग्री की खरीदारी की गई। फलों में सेव, नाशपाती, केला, बेदाना, अमरूद, मौसमी, नारियल आदि की अप्रत्याशित बिक्री हुई। हालांकि बिक्री बढ़ने के बावजूद फलों के भाव में कोई इजाफा नहीं हुआ।
पंडितों और दूध की पड़ रही कमी:
इधर हरतालिका तीज पर व्रतियों को कथा सुनने के लिए पंडितों की कमी पड़ रही है। उनके द्वारा कथा श्रवन कराने के लिए पंडितों की बुकिंग पहले ही कराई गई है। बताया गया कि एक पंडित द्वारा कई जगह पर पूजन कराने की जिम्मेवारी ली गई है। व्रतियों को अपने अपने समय पर पूजन के लिए तैयार रहने को कहा गया है। उधर चौथचंदा व्रत पर दही के लिए दूध की कमी पड़ गई। लोग दूध के लिए केन, बाल्टी, लोटा, बर्तन आदि लेकर महुआ के विभिन्न गौशालाओं का चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें दूध नहीं मिल पाया। वे अब डयेरी पर ही आश्रित हैं। लोगों ने बताया कि डेयरी से दही और दूध लेकर चौथचंदा व्रत होगा।