December 17, 2022

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सारण में जहरीली शराब पीने के कारण 42 लोगों की हुई मौत पर अरुण कुमार सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना बेहद ही दुखद है।

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सारण में जहरीली शराब पीने के कारण 42 लोगों की हुई मौत पर एसयूसीआई(सी) के बिहार राज्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना बेहद ही दुखद है। यह घटना दर्शाती है कि पूरे बिहार में पूर्ण शराब बंदी के बावजूद भी शराब बिक्री किस तरीके से पैर जमा ली है। और इस धंधे में शराब माफिया, राजनेता, पुलिस और अपराधी का पूरा सांठगांठ दिखाई पड़ता है। एक तरफ सरकार शराब पर पाबंदी लगाती है और दूसरी तरफ शराब उपलब्ध भी करवाया जा रहा है। और, इस काम में शराब माफिया, राजनेता, पुलिस और अपराधी का पूरा नेक्सस लगा हुआ है। यह समाचार पत्रों में खबर आई है कि पक्ष और विपक्ष के नेताओं के घर में भी शराब पकड़ा गया। यह खबर खुद सरकार के मद्य निषेध विभाग ने दिया। आखिर ऐसे कारोबार में संलिप्त लोगों को संरक्षण कौन दे रहा है?
यह गौर करने वाली बात है कि जहरीली शराब पीकर मरने वाले बिल्कुल ही गरीब और निरीह लोग हैं। उनके परिवारों को मुआवजा तो मिलनी ही चाहिए। क्योंकि, उसके परिवार में अन्य लोग हैं, बाल बच्चे हैं। उनका भरण – पोषण कैसे होगा? दूसरी बात, इन गरीब लोगों को गंदी लत, लोभ – लालच किसने दिया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? सरकार ही लोगों को ऐसी लत के शिकार बनाती हैं और चुनाव के समय, दंगा – फसाद में इनका इस्तेमाल करते हैं।
एक तरफ सरकार गांधी जी के नारे को सामने लाती है और दूसरी तरफ यह शराब भी उपलब्ध करवाती है। गांधीजी के नाम पर ढकोसला किया जा रहा है। सरकार शराब उपलब्ध कराने में संलिप्त पुलिस – प्रशासन, अपराधी और नेताओं को सजा नहीं देती, बल्कि आम गरीब लोगों को देती है।
उन्होंने मांग उठाई कि
1. शराबबंदी के बाद भी शराब की बिक्री धड़ल्ले से क्यों? बिहार सीएम जवाब दो।
2. जहरीली शराब से मौत के जिम्मेदार कौन? नीतीश सरकार जवाब दो।
3. शराब माफिया – पुलिस – अपराधी – राजनेता गठजोड़ मुर्दाबाद।
4- शराब से मृतकों के परिवार को समुचित मुआवजा दो।
5. शराब के उत्पादन व बिक्री पर रोक लगाओ।
6. शराब माफियाओं को गिरफ्तार करो।
7. शराब से हुए मौत के जिम्मेदार को कठोर सजा दो।

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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