सारण में जहरीली शराब पीने के कारण 42 लोगों की हुई मौत पर अरुण कुमार सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना बेहद ही दुखद है।
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सारण में जहरीली शराब पीने के कारण 42 लोगों की हुई मौत पर एसयूसीआई(सी) के बिहार राज्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना बेहद ही दुखद है। यह घटना दर्शाती है कि पूरे बिहार में पूर्ण शराब बंदी के बावजूद भी शराब बिक्री किस तरीके से पैर जमा ली है। और इस धंधे में शराब माफिया, राजनेता, पुलिस और अपराधी का पूरा सांठगांठ दिखाई पड़ता है। एक तरफ सरकार शराब पर पाबंदी लगाती है और दूसरी तरफ शराब उपलब्ध भी करवाया जा रहा है। और, इस काम में शराब माफिया, राजनेता, पुलिस और अपराधी का पूरा नेक्सस लगा हुआ है। यह समाचार पत्रों में खबर आई है कि पक्ष और विपक्ष के नेताओं के घर में भी शराब पकड़ा गया। यह खबर खुद सरकार के मद्य निषेध विभाग ने दिया। आखिर ऐसे कारोबार में संलिप्त लोगों को संरक्षण कौन दे रहा है?
यह गौर करने वाली बात है कि जहरीली शराब पीकर मरने वाले बिल्कुल ही गरीब और निरीह लोग हैं। उनके परिवारों को मुआवजा तो मिलनी ही चाहिए। क्योंकि, उसके परिवार में अन्य लोग हैं, बाल बच्चे हैं। उनका भरण – पोषण कैसे होगा? दूसरी बात, इन गरीब लोगों को गंदी लत, लोभ – लालच किसने दिया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? सरकार ही लोगों को ऐसी लत के शिकार बनाती हैं और चुनाव के समय, दंगा – फसाद में इनका इस्तेमाल करते हैं।
एक तरफ सरकार गांधी जी के नारे को सामने लाती है और दूसरी तरफ यह शराब भी उपलब्ध करवाती है। गांधीजी के नाम पर ढकोसला किया जा रहा है। सरकार शराब उपलब्ध कराने में संलिप्त पुलिस – प्रशासन, अपराधी और नेताओं को सजा नहीं देती, बल्कि आम गरीब लोगों को देती है।
उन्होंने मांग उठाई कि
1. शराबबंदी के बाद भी शराब की बिक्री धड़ल्ले से क्यों? बिहार सीएम जवाब दो।
2. जहरीली शराब से मौत के जिम्मेदार कौन? नीतीश सरकार जवाब दो।
3. शराब माफिया – पुलिस – अपराधी – राजनेता गठजोड़ मुर्दाबाद।
4- शराब से मृतकों के परिवार को समुचित मुआवजा दो।
5. शराब के उत्पादन व बिक्री पर रोक लगाओ।
6. शराब माफियाओं को गिरफ्तार करो।
7. शराब से हुए मौत के जिम्मेदार को कठोर सजा दो।