October 17, 2023

NR INDIA NEWS

News for all

बाल विवाह के खिलाफ मशाल लेकर अलख जगाने उतरीं इससे पीड़ित महिलाएं

1 min read

बाल विवाह के खिलाफ मशाल लेकर अलख जगाने उतरीं इससे पीड़ित महिलाएं

रेपोर्ट :नसीम रब्बानी, वैशाली बिहार 
पूरे देश में चल रहे “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत 16 अक्टूबर को मनाए गए बाल विवाह मुक्त भारत दिवस के मौके पर गैर सरकारी संगठन स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान बिहार राज्य के वैशाली में 150 गांव, 1642 सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, हाजीपुर रेलवे जंक्शन और सभी पुलिस स्टेशन, आंगनबाडी केंद्र, समाहरणालय में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में 6.5 लाख महिलाओं, बच्चों और आम लोगों ने शपथ ली कि वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और न इसे बर्दाश्त करेंगे। बड़े पैमाने पर हुए इन कार्यक्रमों में सहायक निदेशक, डीसीपीयू, पुलिस उपाधीक्षक, रेलवे सुरक्षा बल, रेल पुलिस,श्रम अधीक्षक, आईसीडीएस महिला हेल्पलाइन चाइल्ड हेल्पलाइन विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग एवं आम जनता ने और अन्य हितधारक ने हिस्सा लिया और इसे सफल बनाने में योगदान दिया।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 (एनएचएफएस-2019-21 ) के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 20 से 24 आयुवर्ग के बीच की 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया था जबकि वैशाली में 40 प्रतिशत लड़कियों का विवाह‌ 18 वर्ष की होने से पहले हो गया था।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश के 300 से भी ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है। भारत से 2030 तक बाल विवाह के समग्र खात्मे के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान से देश के 160 गैर सरकारी संगठन जुड़े हुए हैं। सोलह अक्टूबर को इस अभियान के एक साल पूरे हुए। इस अवसर पर पूरे देश में हजारों बाल विवाह रुकवाए गए और लाखों लोगों ने अपने गांवों और बस्तियों में बाल विवाह का चलन खत्म करने की शपथ ली।
गांवों में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे लोगों की चहल पहल रही और इस दौरान स्कूल, कॉलेज, गांव, आंगनवाड़ी केंद्र, कलेक्टोरेट में जागरूकता कार्यक्रम, शपथ समारोह, नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक गतिविधियाँ जैसे तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
सूरज ढलने के बाद हजारों लोगों ने हाथों में मशाल लेकर मार्च भी किया‌ और लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, धार्मिक नेताओं सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना‌ था। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने‌ व‌ सजावट करने‌ वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान के सचिव सुधीर कुमार शुक्लाने कहा, “बाल विवाह वो अपराध है जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। लेकिन नागरिक समाज और बिहार सरकार द्वारा राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही एक ऐसे माहौल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे जहां बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित और निरापद वातावरण होगा। इन दोनों द्वारा साथ मिल कर उठाए गए कदमों और लागू किए गए कानूनों के साथ समाज व समुदाय की भागीदारी 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत सुनिश्चित करेंगी।” कार्यक्रम में सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई विनोद कुमार ठाकुर, बाल संरक्षण पदाधिकारी अमूल्य कुमार, पंकज कुमार ,श्रम अधीक्षक वैशाली शशि कुमार सक्सेना ,महिला हेल्पलाइन के प्रियंका कुमारी ,कार्तिक कुमार, आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ललिता कुमारी , जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी वैशाली ज्ञानेश्वर प्रकाश, पुलिस मुख्यालय के पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र प्रसाद, आरपीएफ के पोस्ट कमांडेंट साकेत कुमार, स्टेशन अधीक्षक हाजीपुर जंक्शन राकेश रंजन सिंह, महिला हेल्पलाइन, चाइल्ड हेल्पलाइन, विभिन्न पंचायत को मुखिया ,वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य गण, स्कूलों के प्रतिनिधि ,स्काउट एंड गाइड के आयुक्त ऋतुराज, विभिन्न स्कूलों के प्राचार्यगण, पुलिस केदो के थाना अध्यक्ष गण, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, वार्ड काउंसलर विजय कुमार , ज्योत्सना कुमारी, समेत बड़ी संख्या में वैशाली जिले के लोगों ने इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.