वरिष्ठ कवि,साहित्यकार रवीन्द्र-रतन, को अंग-वस्त्र से सम्मानित किए गए।
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वरिष्ठ कवि,साहित्यकार रवीन्द्र-रतन, को अंग-वस्त्र से सम्मानित किए गए।
रिपोर्ट:नसीम रब्बानी, बिहार
हाजीपुर के वरिष्ठ कवि,साहित्यकार रवीन्द्र-रतन,सरोज वाला साहित्य के महाकुंभ वाराणसी में “हिन्दीसाहित्य
परिवार ” के तृतीय साहित्यिक अधि
वेशन में अंग-वस्त्र ,प्रशस्थि पत्रआदि
से सम्मानित किए गए।
वाराणसी की पावन धरती पर साहित्यिक सुगंध विखेरने साहित्य के महाकुंभ में ” हिन्दी साहित्य परिवार ” ,हिन्दी साहित्य कवि मंच
कोहरा खास महराजगंज उत्तर प्रदेश
के तृतीयराष्ट्रीयसाहित्यिकअधिवेशन
में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन
नीरज प्रजापति ,अजय कुमार वर्मा आदि ने किया। डा0 राम करण साहू
‘ सजल ‘ की अध्यक्षता में तथा संचालन राष्ट्रीय महासचिव राकेश
कुमार ‘ ‘वनवासी ‘ ने किया ।
मुख्य अतिथि के रूप में प्रियंका अग्निहोत्री,विशिष्ट कवि साहित्यकार के रूप में हाजीपुर, बिहार से रवीन्द्र कुमाररतन,सेवानिवृत्तबैंक-अधिकारी , झांसी से डा0रवीन्द्रगुप्तसेवानिवृत्त प्राचार्य एवं दिल्ली से कवि निर्मल तिवारी तथा बिहार की कवयित्री सरोजवाला सहाय उपस्थित थी ।
अन्य साहित्यकारों में अमित कुमार, वाराणसी,राम दाग जी,चांदनीकुमारी
वर्मा, सपना पाण्डे, श्रद्धा मौर्य, विजय कुमार भारती,श्वेता तिवारी ‘रसिक’, कौस्तुभ राज ,राजा पाण्डे,
आदि ने भी अपनी-अपनी कविता सुनाकर वातावरण को काव्य-रस से सराबोर। कर दिया।
बिहार से पधारे वरिष्ठ कवि , साहित्यकार रवींद्र कुमार रतन एवं
कवयित्री सरोज वाला सहाय ने अपनी कविता से सबों का दिल जीत लिया। काव्य -रस की वर्षा के साथ-
साथ खूब तालियां बटोरे।
साहित्यकार रतन जी ने निवेदन किया कि बाबा विश्वनाथ की यह पावन धरती तो है हीं मगरयह भी ध्यान देना है किहम कोईअध्यात्मिक
आयोजन में नही अपितु साहित्यिक कार्यक्रम में आए हैं यहां गोस्वामी
तुलसीदास,उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द,
कहानीकार जयशंकर प्रसाद, कबीर समान अनेको साहित्यकार की पावन भूमि पर आपने एक भी कवि,साहित्यकार की जयजयकार किसी ने नही की।उन्होने कहा:-
वाराणसी की पावन धरती से हिन्दी-
परिवार सेआबाज उठनी चाहिए ,
जाति-धर्म से ऊपर उठ कर भारत कोअखंड आर्यावर्त बनना चाहिए ।
तेलगू ,तमिल, उडिया,असमी की
बात न अब उठनी चाहिए ,
सब मिलकर राजभाषाहिन्दीकोराष्ट्र- भाषा बनाने की बात उठनी चाहिए।
पर खूब बाहबाही एवं ताली बटोरी।
हिन्दी परिवार की ओर से बिहार से आए कवि रवींद्र कुमार रतन की कविता राष्ट्र के सर्वागीण विकास में योग दान के लिए एवं सरोज वाला सहाय को आधी आवादी का प्रति- निधित्व करने के लिए अंग-वस्त्र और मोमेंटो तथा प्रशस्थि पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
विदित हो कि इसके पूर्व रवींद्र कुमार रतन जी को ‘ मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न शिखर सम्मान, बाबा नागार्जुन सम्मान, जय शंकर शिखर सम्मान, मुर्मू शिखर सम्मान के अलाबे अनेको राष्ट्रीय स्तरीय, प्रदेश स्तरीय
एवं स्थानीय पुरस्कारों से पुरस्कृत एवं सम्मानित हुए है।हिन्दी साहित्य परिवार इनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाए एवं प्रगति केपथ पर बढने का मार्ग प्रशस्थ करती है।
अन्त में अध्यक्षीय भाषण में डा0राम करण जी ने अपने विचार देते हुए सभी आगत कवियों, साहित्यकारों तथा श्रोताओं को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट कर साहित्यिक प्रसाद ग्रहण कर जाने का आग्रह किया ।
