महुआ में जगह-जगह चौहट्टे पर एकत्रित होकर बहनों ने कूटे यमराज के चानी
1 min readमहुआ में जगह-जगह चौहट्टे पर एकत्रित होकर बहनों ने कूटे यमराज के चानी
गीत गाए–राम भैया चलले अहेरिया बेला बहिन दिलीन आशीष
महुआ। रेणु सिंह
लोक पर्व भैया दूज पर बुधवार को बहनों ने भाई के लिए पर्व रखा। उन्होंने गांव के चौहट्टे पर एकत्रित होकर यमराज के चानी कूटे और भाई का शरीर वज्र के जैसा हो इसके लिए उन्होंने बजरी खिलाई। इस लोक पर्व पर बहनों ने गीत गाकर स्थल को भावमय बना दिया और ननद भौजाई के बीच खूब हंसी ठिठौली भी की। इसी के साथ लोग आस्था का महापर्व छठ की तैयारी में जुट गई।
महुआ के विभिन्न गावों के अलावा नगर परिषद क्षेत्र में बहनों द्वारा भैया दूज किया गया। इस लोक पर्व पर बहने पहले तो भाई और पूरे परिवार को शाप देकर मारी। फिर अपने शाप पर पछतावा करते हुए जीव में रंगनी के कांटे चुभोई और रूई को जोड़-जोड़कर भाई और सभी परिजन का आयु लंबी की। यमराज का नजर उनके भाई और परिवार पर नहीं पड़े। साथ ही उसका सुहाग सलामत रहे। इसके लिए उन्होंने यमराज के चानी को मुसल से कूटे। फिर भाई का शरीर वज्र के जैसा हो। इसके लिए उन्होंने बजरी खिलाई और रक्षा सूत्र बांधी। इस दौरान बहनों द्वारा गीतों के माध्यम से ननद भौजाई के बीच का ताना-बाना और हंसी ठिठौली भी खूब चला। गीत गाए– राम भैया चलले अहेरिया बेला बहिन दिली आशीष जिय तू हो मोर भईया जिय भैया लाख बरिस, भैया के बढे सिर पगड़ी भौजी के बनल रहे मांग सिंदूर। इस पर्व के साथ महिलाएं छठ की तैयारी में लग गई। कहीं गेहूं की को धोकर सुखाने में तो कहीं मिट्टी की चूल्हे बनाने में जुट गई।