सेवाकेंद्र में आध्यात्मिक होली मिलन समारोह अलौकिक रीति से मनाया गया।
1 min readपूसा: आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्टेशन रोड, वैनी स्थित सेवाकेंद्र में आध्यात्मिक होली मिलन समारोह अलौकिक रीति से मनाया गया।
इस मौके पर बीके पूजा बहन ने होली के आध्यात्मिक रहस्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि यह त्योहार हमें अपने जीवन को आध्यात्मिक रंगों से रंगकर औरों को भी इसी रंग में रंगने की प्रेरणा देता है। ऐसे तो होली में एक दूसरे को रंग लगाते हैं और फिर रंग छुड़ाने की मेहनत करते हैं। आध्यात्मिक रंग यानी ज्ञान, शांति, प्रेम, पवित्रता, खुशी और शक्तियों का रंग। इन रंगों में रंगने से हमारे जीवन का जैसे श्रृंगार हो जाता है, जिसे छुड़ाने की मेहनत नहीं करनी होती। इन रंगों में आत्मा रंगती है तो हमारा जीवन खुशियों से सराबोर हो जाता है। दु:ख, चिंता, तनाव, मनोविकारों से बदरंग जीवन अनेक जन्मों के लिए बदल जाता है। आध्यात्मिक रंगों के फाउंटेनहेड स्वयं होलिएस्ट आॅफ होली निराकार परमपिता परमात्मा शिव हैं, जो हमें आत्मिक स्मृति का तिलक देते हैं जिसके आधार से हम पर निरंतर आध्यात्मिक रंगों का फाउंटेन बरसता रहता है। हम दु:खदायी संस्कारों रुपी परिधान त्यागकर सुखदायी संस्कार धारण करते हैं। जीवन से अनेक प्रकार की कड़वाहट मिटते ही एक-दूसरे को अपने बोल, व्यवहार और चलन से मधुरता की मिठाई खिलाते रहते हैं। वर्तमान समय बुरी एवं कटु स्मृतियों की होलिका जलाकर परमात्म-संग की सुखद स्मृतियों में रंगकर होली मनाने का रंगोत्सव चल रहा है। यह संग हमारे ऊपर परमात्म-छत्रछाया का काम करता है, जिससे हमारा जीवन अनेक विघ्न-बाधाओं से जन्म-जन्म के लिए सुरक्षित हो जाता है। उन्होंने सभी से इस सुअवसर का लाभ लेने का आह्वान किया।
सभी आगंतुक भाई-बहनों को आत्म-स्मृति का तिलक लगाया गया और मुख मीठा कराया गया। गुलाब जल और गुलाब की पत्तियों से सभी को होली का अनुभव कराया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रीता अग्रवाल, शोभा अग्रवाल, राखी अग्रवाल, गीता कुमारी, धर्मदेव साह, मनोज साह आदि शामिल रहे।