June 7, 2025

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ग्रीष्म ऋतु का आज अंतिम लग्न, अब 5 महीने बाद गूंजेगी शुभ लग्न की शहनाई

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ग्रीष्म ऋतु का आज अंतिम लग्न, अब 5 महीने बाद गूंजेगी शुभ लग्न की शहनाई

वर्षों बाद इस बार आषाढ़ में नहीं हो सकेंगी शादियां, शादी विवाह करने वाले परिवार को चार नहीं बल्कि 5 महीने करने होंगे शुभ लग्न का इंतजार

रिपोर्ट :रेणु सिंह, महुआ वैशाली

महुआ। गुरु अस्त हो जाने के कारण इस बार एक महीने पूर्व ही शुभ लग्न समाप्त हो रहा है। वर्षों बाद इस बार शुभ लग्न का अभाव होने के कारण आषाढ़ महीने में शादियां नहीं हो सकेंगी। ऐसे हर वर्ष ग्रीष्म कालीन का लग्न समाप्त होने के बाद 4 महीने शुभ लग्न के इंतजार करने पड़ते थे। जबकि इस बार शादी विवाह वाले परिवार में 5 महीने तक शुभ घड़ी का इंतजार करना पड़ेगा। शुभ लग्न के साथ अन्य शुभ कार्यों पर भी विराम लग जाएगा।
गुरुवार को यहां आचार्यों द्वारा बताया गया कि बनारसी पंचांग के अनुसार 07 जून शनिवार जबकि मिथिला पंचांग के अनुसार 6 जून शुक्रवार को ग्रीष्मकालीन अंतिम लग्न होगा। उसके बाद गुरु अस्त हो जाने से शादी विवाह सहित अन्य शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। वही आगे हरिशयन दोष भी हो जाएंगे। जिसके कारण शुभ कार्य करना वर्जित रहेगा। आचार्य नंदकिशोर झा बताते हैं कि शुभ लग्न के लिए गुरु और शुक्र का होना जरूरी है। जबकि शनिवार को गुरु अस्त हो रहा है। जिसमें लड़कियों का शादी होना निषेध माना गया है। ऐसा मानना है कि गुरु अस्त में शादी होने पर लड़कियों के दांपत्य जीवन में खलल आती है। जिसके कारण गुरु अस्त में शादी विवाह निषेध माना गया है। वहीं आगामी 06 जुलाई को हरिशयनी एकादशी (चातुर्मास) शुरू हो रहा है। जिसमें पूजा-पाठ, यज्ञ, संस्कार आदि को छोड़कर शादी विवाह के साथ अन्य शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। आगामी 06 नवंबर को देवोत्थान तुलसी विवाह (चातुर्मास समाप्त) हो जाने के बावजूद 18 नवंबर को मास शिवरात्रि हो जाने के बाद ठंड ऋतु का लग्न शुरू होगा।
पांच महीने शुभ सामानों की बिक्री पर रहेगा ग्रहण:
शुभ लग्न समाप्त हो जाने के बाद कई लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उन्हें 5 महीने तक रोजगार पाने के लिए समय का इंतजार करना पड़ेगा। शुभ सामान बेचने वाले से लेकर बैंड वाले, आर्केस्ट्रा ट्रॉली वाले, हलवाई, कारीगर, टेंट समियाना संचालक, सजावट करने वाले और यहां तक की नाई और पुरोहित भी बेरोजगार हो जाएंगे। इधर आम लोगों को शुभ लग्न की शहनाइयां सुनने और भोज खाने के लिए भी 5 महीने तक इंतजार करने पड़ेंगे। हालांकि इस अवधि में पूजा-पाठ यज्ञ, संस्कार आदि होंगे।
लग्न में मूल्य से ज्यादा शुभ सामानों के मिलती है बख्शीश:
शुभ लग्न को लेकर खरीदारों के भीड़ से गुलजार रहने वाला बाजार में लग्न समापन के साथ विरानगी छा जाएगी। स्वर्ण आभूषण दुकानों पर लगने वाली भीड़ कम हो जाएगी। इसी के साथ कपड़े, रेडीमेड, गल्ला, परचून, महिला प्रसाधन सामग्री, ब्यूटी पार्लर, डाला दउरा बनाने वाले महादलित कारीगर सभी के यहां विरान सा हो जाएगा। शुभ सामान बेचने वाले दुकानदारों को सामानों के मूल्य और शुभ लग्न में काम करने वाले को मजदूरी से ज्यादा बख्शीश मिलते हैं। दूल्हे का टोपी, मौड़ी, माला, दुल्हन की ढोलना, सिन्दूर, सिंदूर रखने वाला, डाला-दउरा आदि रिश्तेदार खरीद कर देते हैं। जिससे दुकानदार उनसे सामान की मूल्य के साथ बख्शीश भी लेते हैं। वही नाई और पुरोहित को तो लग्न में चांदी कटती है।
बनारसी पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 का लग्न
नवंबर:- 18, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30, दिसंबर 01, 04, 05, 06, 10, 12, 13 और 15- इसके बाद खरमास हो जाएगा।

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