बिहार में दलित-पसमांदा समाज की ऐतिहासिक एकजुटता – ‘दलित एकता मोर्चा’ का गठन
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बिहार में दलित-पसमांदा समाज की ऐतिहासिक एकजुटता – ‘दलित एकता मोर्चा’ का गठन
पटना के ए.आई.एम. हॉल में आज बिहार के सभी दलित-पसमांदा समाज के संगठनों ने मिलकर “दलित एकता मोर्चा” का गठन किया। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में बिहार के साथ-साथ महाराष्ट्र से आए जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता इरफान जामियावाला विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम में लगभग 10 आईएएस और आईपीएस अधिकारी एवं मुस्लिम समाज के प्रमुख नेता शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से ए.डी.एम. इज़हार साहब, शब्बीर आलम, नौशाद अंसारी, डॉ. रहमान अली रज़ा अंसारी, मौलाना तौफीक, कलीमुद्दीन अंसारी, फहीम अंसारी सहित बिहार भर के 300 तंजीमों के अध्यक्ष उपस्थित थे।
बैठक में बिहार 2025 विधानसभा चुनाव के संदर्भ में दलित-पसमांदा समाज की भूमिका, अधिकारों और प्रतिनिधित्व को लेकर गहन चर्चा हुई। वक्ताओं ने एकजुट होकर संघर्ष करने और समाज की राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर इरफान जामियावाला ने कहा कि “दलित और पसमांदा समाज की एकजुटता ही भविष्य की राजनीति में असली बदलाव ला सकती है। हमें अपने मुद्दों को संगठित तरीके से सरकार और जनता के सामने रखना होगा।”
कार्यक्रम के अंत में दलित एकता मोर्चा के लिए एक कार्यकारिणी गठन का निर्णय लिया गया और आने वाले महीनों में बिहार के सभी जिलों में जन-जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई गई।
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