बाल विवाह से मुक्ति को लेकर संकल्प सभा सह जागरूकता अभियान चलाया गया।
भगवानपुर प्रखंड के प्रतापटांड पश्चिमी पंचायत के महादलित पासवान टोला में बाल विवाह से मुक्ति को लेकर संकल्प सभा सह जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान के तत्वावधान में जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन परियोजना के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रतापटांड पश्चिमी पंचायत सरपंच शत्रुघ्न कुमार पासवान ने की,जबकि संचालन अधिकार मित्र संतोष कुमार ने किया। इस दौरान स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान के सचिव सह कार्यक्रम निदेशक डॉ. सुधीर कुमार शुक्ला ने बताया कि वैशाली को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के उद्देश्य से पंचायतों में व्यापक रूप से जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं।इस दौरान लोगों को बाल अधिकारों और इसकी सुरक्षा से संबंधित गंभीर विषय जैसे बाल विवाह,बाल- श्रम,बाल यौन-शोषण एवं बाल- तस्करी के संबंध में जानकारी ,बाल पीड़ितों को मिलने वाली कानूनी सहायता तथा बाल विमुक्ति सह पुनर्वास का कार्यक्रम के बारे में बताया जा रहा हैं। इस अभियान की सफलता में संस्थान को पुलिस प्रशासन,जिला प्रशासन और आमजनों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों का भी अच्छा सहयोग मिल रहा हैं। इस अवसर पर अधिकार मित्र संतोष कुमार ने बताया कि बाल विवाह समाज के लिए एक अभिशाप है और कानूनी अपराध हैं। यह बच्चों की शिक्षा,स्वास्थ्य,सुरक्षा और समग्र विकास में बाधा उत्पन्न करती हैं, साथ ही उनके सपनों को साकार होने से रोकता है। कार्यक्रम के दौरान सरपंच शत्रुघ्न कुमार पासवान ने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है। इस दिशा में स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए, जो बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत काम कर रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पंचायत को बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने का संकल्प लिया, जो एक सराहनीय कदम है। इस तरह के आयोजनों से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और बाल विवाह जैसी कुरीति को समाप्त करने में मदद मिलेगी।कार्यक्रम में प्रतापतांड पूर्वी पंचायत सरपंच विद्यानंद सिंह,पंच मनोज पासवान, विनोद पासवान, दीपनारायण पासवान,रंगबहादुर पासवान, जितेंद्र पासवान, सरिता देवी, भागमती देवी, सुमारी देवी,सुमित्रा देवी, किस्मतिया देवी,मिंता देवी, तेतरी देवी,सुनीता देवी, रेशमा देवी सहित अन्य ग्रामीण आदि मौजूद थे।