October 14, 2025

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महाकवि अवधेश्वर के जयंती के उपलक्ष में बज्जिका समारोह का हुआ भव्य आयोजन

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महाकवि अवधेश्वर के जयंती के उपलक्ष में बज्जिका समारोह का हुआ भव्य आयोजन

सार्क देशों में चर्चित पत्रकार शशि भूषण जी सहित 10 विभूति हुये महाकवि अवधेश्वर अरुण बज्जिका सेवी सम्मान 2025 से सम्मनित

रिपोर्ट:नसीम रब्बानी,

 

मुजफ्फरपुर। बज्जिका रामायण के रचयिता महाकवि अवधेश्वर के जन्म दिवस के अवसर पर बज्जिका दिवस सह महाकवि अवधेश्वर अरुण बज्जिका सेवी सम्मान समारोह 2025 का आयोजन किया गया। समारोह का आयोजन अरुणादित्य ट्रस्ट एवं तथागत सांस्कृतिक फाउंडेशन के सौजन्य से किया गया।
इस मौके पर समारोह का उद्घाटन विधान पार्षद प्रोफेसर संजय कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि महाकवि अवधेश्वर अरुण ने लुप्त होती बज्जिका भाषा को आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया। उनकी कृति बज्जिका रामायण को बज्जिकांचल की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि आज बज्जिका रामायण अपनी सहजता एवं सरलता के कारण घर-घर में लोकप्रिय है। मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए डॉक्टर संजय पंकज ने कहा की महाकवि अवधेश्वर अरुण को बज्जिकांचल के तुलसी, दधीचि, भागीरथ संबोधन से संबोधित किया जाए वह कम है। वह सही अर्थों में बज्जिका भाषा और संस्कृति के गौरव स्तंभ थे। जिन्होंने बज्जिका भाषा संस्कृति को व्यापकता प्रदान की ।उन्होंने यह भी कहा कि आज बज्जिका भाषा किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बज्जिका पास एक से एक् रचनाकार है। जिन्होंने महाकाव्य से लेकर व्याकरण तक के माध्यम से बज्जिका भाषा को समृद्ध बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आज बज्जिका रामायण की व्यापक स्तर पर चर्चा किए जाने की आवश्यकता है। बज्जिका के कवि कथाकार डॉक्टर विनोद कुमार सिन्हा ने कहा कि महाकवि अवधेश्वर अरुण में बज्जिका के विकास के लिए एक गहरी छटपटाहट थी तथा वे सदैव बज्जिका भाषा के विकास के लिए प्रयत्नशील रहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि साहित्यकार सदैव अपनी कृतियों में जीता है महाकवि अवधेश्वर अरुण अपनी कृति बज्जिका रामायण के कारण सदैव याद किए जाएंगे। इस इस मौके पर समारोह की अध्यक्षता करते हुए विख्यात आलोचक डॉ. रामप्रवेश सिंह ने कहा डॉ अवधेश्वर अरुण साहित्य की सीमा और उपलब्धि के विशिष्ट प्रतिमान रहे हैं। वह परंपरा गढ़ने वाले, साहित्य रचने वाले ,समाज को सुधारने वाले पीढ़ी का निर्माण करने वाले उच्च कोटि के सर्जक थे। इस मौके पर बज्जिका भाषा के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए वरिष्ठ कवि साहित्यकार इंजीनियर रामनरेश शर्मा कवि ज्वाला सांध्य पुष्प, सार्क देशों में बज्जिका के लिए चर्चित वरिष्ठ पत्रकार शशि भूषण कुमार, मणि भूषण अकेला ,डॉ रजनी प्रभा डॉक्टर हरी विलास राय, गया प्रसाद एवं डॉ भावना को महाकवि अवधेश्वर अरुण बज्जिका सेबी सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उन्हें स्मृति चिन्ह, चादर एवं सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन एवं आगत अतिथियों का स्वागत डॉ रणवीर कुमार राजन ने किया। आभार कुमार आदित्य एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. यशवंत कुमार ने किया। इस मौके पर देवशंकर प्रसाद सिंह, डॉ० धनंजय सिंह , प्रो0 शिवशंकर पंडित ,रजत सिंह चंदेल आदि उपस्थित थे।

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