स्तनपान सर्वोत्तम आहार और शिशु का अधिकार /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
1 min readस्तनपान सर्वोत्तम आहार और शिशु का अधिकार /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
-विश्व स्तनपान दिवस पर जिले में चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
सीतामढ़ी। 2 अगस्त
आकांक्षी जिला सीतामढ़ी में विश्व स्तनपान दिवस एक से सात अगस्त तक मनाया जा रहा है। इस अवसर पर संपूर्ण जिले में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा। स्तनपान सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य केवल और केवल स्तनपान को बढ़ावा देना है। मां का दूध शिशुओं के लिए अमृत समान होता है। इसके सेवन से शिशु कुपोषण व अतिसार से सुरक्षित और संरक्षित रहता है। इसी को लेकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस एवं पिरामल स्वास्थ्य मिलकर जन जागरूकता कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभा रहें है। पिरामल स्वास्थ्य के बीटीओ क्रमश अकरम खान, राजीव सिंह, निर्मल कुमार झा, माधुरी कुमारी द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, एएनएम आदि के साथ मिलकर विश्व स्तनपान दिवस के मौके पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आंगनबाड़ी सेविकाएं जागरूक कर रही
आइसीडीएस की ओर से आंगनबाड़ी सेविकाएं गर्भवती व धात्री महिलाओं को बच्चों को स्तनपान कराने के लिए जागरूक कर रही हैं। वहीं गोद भराई दिवस पर सामूहिक रूप से स्तनपान कराने का महत्व बताएंगी। सेविकाएं शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर से लेकर छह माह तक लगातार बच्चों को मां का दूध पिलाने को प्रेरित कर रहीं। कोविड 19 से सम्भावित संक्रमित माताओं को चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दे रहीं हैं। माताओं को कोविड 19 में नियमों का पालन करते हुए मास्क लगाकर व दोनों हाथों को अच्छी तरह धोकर स्तनपान कराने के बारे में बताया जा रहा।
स्तनपान सर्वोत्तम आहार और शिशु का अधिकार
शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार और शिशु का मौलिक अधिकार है। मां का दूध शिशु के लिए मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए स्तनपान अत्यंत आवश्यक है, जिसका शिशु एवं बाल जीवन पर प्रभाव पड़ता है। जिन शिशुओं को एक घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता उनमें नवजात मृत्यु दर की संभावना 33 फीसद अधिक होती है। छह माह तक केवल स्तनपान कराया जाए। शुरू के छह माह पूरे होने पर संपूरक आहार देना प्रारंभ किया जाए एवं शिशु के दो वर्ष तक स्तनपान जारी रखा जाए।