चमकी पर घर-घर दी जा रही जानकारी, समूहों में हो रही चर्चा
1 min readचमकी पर घर-घर दी जा रही जानकारी, समूहों में हो रही चर्चा
– टैग वाहनों का भी तय हुआ किराया
– दलित तथा महादलित बस्तियों में दिखने लगे चमकी के पोस्टर
– जीविका के किसी भी बैठक में 10 मिनट चमकी पर चर्चा करना जरूरी
मुजफ्फरपुर,22 मार्च
चमकी को लेकर तैयारी जोरों पर है। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग तथा जीविका, आईसीडीएस चमकी पर लोगों को जागरूक करने के लिए तत्पर दिख रही है। वहीं जीविका इस बार भी जागरूक करने में महती भूमिका निभाता नजर आ रहा है। जीविका के हेल्थ एंड न्यूट्रीशियन मैनेजर पुष्कल दत्त ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जीविका मित्र को चमकी पर प्रशिक्षित किया गया है। वहीं जीविका के किसी भी समूह में चमकी पर चर्चा करना अनिवार्य हो चुका है| किसी भी तरह की सामूहिक बैठक में कम से कम 10 मिनट चमकी के कारण और लक्षणों पर चर्चा जरूर होगी। सामूहिक बैठक में चमकी पर चर्चा हुई कि नहीं इसे कार्यवाही पंजी में लिखना भी होगा। अभी सभी प्रखंडों में जीविका मित्र द्वारा गृह भ्रमण कर चमकी पर जानकारी भी दी जा रही है। वहीं उनके पास कंट्रोल रूम का नंबर भी है जहां से तुरंत सहायता प्राप्त की जा सकती है।
एक से 15 वर्ष तक के बच्चों की तैयार हो रही लिस्ट
जीविका के हेल्थ एंड न्यूट्रीशियन मैनेजर पुष्कल दत्त ने कहा एक से 15 वर्ष उम्र तक के बच्चों पर चमकी का प्रभाव ज्यादा देखा गयाहै। ऐसे में जिले के अंदर जितने भी स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं के घरों में शामिल एक से 15 वर्ष तक के बच्चों की लिस्ट तैयार की जा रही है। ताकि उन्हें घर जाकर भी चमकी पर जागरूक किया जाए।
चमकी से अतिप्रभावित पांच प्रखंडों में मोबाइल वाणी से फैल रही जागरूकता
वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पानापुर हवेली में मोबाइल वाणी का उद्घाटन किया गया था। जिसका मकसद कॉल कर लोगों के बीच चमकी पर उचित जानकारी देना था। इस वर्ष भी मोबाइल वाणी की मदद से चमकी से अतिप्रभावित पांच प्रखंडों में मोबाइल वाणी लोागों को कॉल कर चमकी पर जागरूक कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने भी कस ली है कमर
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में दो बेड के चमकी वार्ड का निर्माण किया गया है। जहां हर तरह के जरूरी उपकरण तथा जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध हैं । वहीं सदर में भी आठ से दस बेड को चमकी के लिए रिजर्व कर रखा गया है। सभी प्रखंडों में कंट्रोल रूम तथा डॉक्टरों तथा नर्सों के लिए रोस्टर का निर्माण भी कर लिया गया है। सभी प्रखंडों के पंचायत में दो प्राइवेट वाहनों को टैग कर दिया गया है। वाहनों के दर का भी निर्धारण कर लिया गया है।
चमकी के लक्षण
शुरुआत में तेज बुखार आता है।
इसके बाद बच्चों के शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है।
इसके बाद तंत्रिका तंत्र काम करना बंद कर देता है।
इस बीमारी में ब्लड शुगर कम (लो) हो जाता है।
बच्चे तेज बुखार की वजह से बेहोश हो जाते और उन्हें दौरे भी पड़ने लगते हैं।
जबड़े और दांत कड़े हो जाते हैं।
बुखार के साथ ही घबराहट भी शुरू होती है और कई बार कोमा में जाने की स्थिति भी बन जाती है।
अगर चमकी बुखार हो जाए तो क्या करें-
बच्चों को पानी पिलाते रहें , इससे उन्हें हाइड्रेट रहने और बीमारियों से बचने में मदद मिलेगी।
तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें।
पंखे से हवा करें या माथे पर गीले कपड़े की पट्टी लगायें ताकि बुखार कम हो सके।
बच्चे के शरीर से कपड़े हटा लें एवं उसकी गर्दन सीधी रखें।
बच्चों को पारासिटामोल की गोली व अन्य सीरप डॉक्टर की सलाह के बाद ही दें।
अगर बच्चे के मुंह से लार या झाग निकल रहा है तो उसे साफ कपड़े से पोछें, जिससे सांस लेने में दिक्कत न हो।
बच्चों को लगातार ओआरएस का घोल पिलाते रहें।
तेज रोशनी से बचाने के लिए मरीज की आंख को पट्टी से ढक दें।
बेहोशी व दौरे आने की अवस्था में मरीज को हवादार जगह पर लिटाएं।
चमकी बुखार की स्थिति में मरीज को बाएं या दाएं करवट लिटाकर डॉक्टर के पास ले जाएं।
अगर आपके बच्चे में चमकी बीमारी के लक्षण दिखें तो-
सबसे पहले बच्चे को धूप में जाने से रोकें।
बच्चा तेज धूप के संपर्क में आया तो उसे डिहाइड्रेशन की समस्या होगी, जिससे बीमारी की गंभीरता बढ़ती है।
बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं।
गर्मी के समय बच्चों को ओआरएस अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।
रात में बच्चों को भरपेट खाना खिलाकर ही सुलाएं।