December 11, 2021

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माता-पिता के समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण ही हमारे पौधे/बच्चे फलेंगे-फूलेंगे।

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सैयद मुश्ताक एनआर इंडिया न्यूज जम्मू कश्मीर

माता-पिता के समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण ही हमारे पौधे/बच्चे फलेंगे-फूलेंगे।

मध्य कश्मीर के शाहीन शैक्षिक संस्थान सनूर कालीपोरा मगम नरबल बडगाम में एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम।

अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर मुस्लिम एजुकेशनल सोसायटी, सैयद मुश्ताक और उक्त गांव के लम्बरदार विशिष्ट अतिथि थे

शाहीन एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, सनूरर कालीपोरा, बडगाम, मध्य कश्मीर ने माता-पिता और छात्रों के लिए स्कूल के माता-पिता, छात्रों और प्रशासन से मिलने के लिए एक कार्यक्रम की मेजबानी की।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय राइफल्स के लेफ्टिनेंट कर्नल श्री वास्तु, और जम्मू-कश्मीर प्राइवेट स्कूल फोरम के प्रवक्ता श्री गुलाम मोहम्मद मीर साहिब और वरिष्ठ नेता जम्मू-कश्मीर प्राइवेट स्कूल फोरम प्रो. शौकत अहमद और विभिन्न क्षेत्रों के बच्चों के माता-पिता भी उपस्थित थे।
पवित्र कुरान के पाठ और पवित्र पैगंबर (PBUH) के संदेश में नात के उपहार के साथ भागीदारी का कार्यक्रम भी शुरू हुआ।
यह माता-पिता और प्रशासन का एक सुंदर और भावपूर्ण दृश्य था जहाँ राष्ट्र के नवजात बच्चे ज्ञान के प्रकाश से संपन्न होते हैं।
मुख्य अतिथि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष सैयद मुश्ताक थे, धर्मोपदेश में, अध्यक्ष प्राचार्य श्री अल्ताफ राजा ने बच्चों के माता-पिता से उनकी शिक्षण प्रक्रिया में उनका समर्थन करने की अपील की और साथ ही उनसे कदम उठाने का आग्रह किया बच्चों के भविष्य के लिए।
इस संबंध में कुछ बच्चों ने सम्मानपूर्वक अपनी कला और प्रतिभा का परिचय दिया, जिन्हें बाद में पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। वहीं बच्चों के अभिभावकों ने भी स्कूल संचालकों का धन्यवाद किया और कहा कि आज वे समझ गए हैं कि बच्चे को आगे बढ़ाने में माता-पिता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस अवसर पर सभी अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन को धन्यवाद दिया कि लॉकडाउन के बावजूद उनके बच्चों को मोबाइल, इंटरनेट और सामुदायिक कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. माताओं और बच्चों को बधाई और बधाई।
सैयद मुश्ताक साहिब ने सभा को संबोधित करते हुए माता-पिता से अपने बच्चों की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए जिम्मेदार महसूस करने और इस्लाम के नियमों और विनियमों के अनुसार जीने का आग्रह किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पीढ़ियों का पालन-पोषण हमारी महिलाओं की गोद में होता है। यह गोद बच्चों की पहली पाठशाला है।
वह एक मां की तरह प्रशिक्षण लेंगी। इसी तरह पीढि़यां भी बढ़ेंगी। माहौल बिगड़ रहा है, रिश्ते बिगड़ रहे हैं अपने बच्चों को धर्म के अनुसार शिक्षा और प्रशिक्षण से बचाओ ताकि एक अच्छी पीढ़ी बड़ी हो जो धर्म और सुन्नत के लिए काम करे।
कार्यक्रम में विद्वानों के अलावा बड़ी संख्या में आसपास के पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कार्यक्रम एसओपी की देखभाल के साथ किया गया था

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