टीबी उन्मूलन के लिए प्रखंड स्तर पर होंगे कार्यक्रम – टीबी हारेगा देश जीतेगा प्रचार -प्रसार बैठक को सफल बनाने की चली कवायद – प्रत्येक प्रखंड पर होगी टीबी को लेकर बैठक – टीबी चैपिंयन के साथ जनप्रतिनिधि भी लेंगे भा
1 min readटीबी उन्मूलन के लिए प्रखंड स्तर पर होंगे कार्यक्रम
– टीबी हारेगा देश जीतेगा प्रचार -प्रसार बैठक को सफल बनाने की चली कवायद
– प्रत्येक प्रखंड पर होगी टीबी को लेकर बैठक
– टीबी चैपिंयन के साथ जनप्रतिनिधि भी लेंगे भाग
वैशाली, 9 मार्च| स्वास्थ्य विभाग ने टीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके लिए जिला यक्ष्मा विभाग ने इसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली है। जिसके लिए प्रखंड स्तर पर 24 मार्च तक प्रचार -प्रसार के लिए माइक्रोप्लान भी बनाया गया है। इस माइक्रोप्लान को विश्व यक्ष्मा दिवस के आयोजन के लिए हुई वर्चुअल मीटींग में मंगलवार को पेश किया गया। विभाग ने मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत 10 मार्च तक हर प्रखंड से माइक्रोप्लान भी मांगा गया है। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. शिव कुमार रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा।
सभी पीएचसी पर होगी टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ शिव कुमार रावत ने कहा कि सभी प्रखंड के पीएचसी पर टीबी पेशेंट ग्रुप मीटिंग का आयोजन होना है। जिसमें पीएचसी स्तर से निर्वाची प्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख, टीबी चैंपियन, आशा, एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी को शामिल होना है। बैठक 12 मार्च से शुरू हो जाएगी। 24 मार्च को जिला यक्ष्मा केंद्र हाजीपुर में बैठक होगी। मंगलवार तक सभी प्रखंडों में बैनर, पोस्टर के लिए प्रचार-प्रसार सामाग्री भी भेज दी गयी है।
केयर इंडिया की टीम करेगी सहयोग
टीबी के उन्मूलन में अब केयर इंडिया भी सहयोग करेगी। इसके तहत टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं, निक्षय पोषण योजना आदि विषय पर व्यापक जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के लिए केयर इंडिया के जिला प्रतिनिधि के द्वारा रोस्टर भी तैयार किया जाएगा।
वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य
जन आंदोलन अभियान के तहत प्रखंड स्तर पर यक्ष्मा रोगी की पहचान के विषय में जानकारी दी जाएगी। ताकि टीबी के लक्षणों को पहचान कर रोगी को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भेजा जा सके। टीबी के रोगी का जल्द से जल्द उपचार शुरू किया जा सकेगा। केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज
डॉ. रावत ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के लिए बलगम की जांच के साथ यूडीसीटी, ब्लड शुगर के साथ एचआईवी के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही दवा भी मुफ्त दी जाती है। टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में रोग के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया जाता है। वर्चुअल मीटिंग में केयर डीटीएल सुमित कुमार तथा सीनियर डीपीएस राजीव रंजन भी मौजूद थे।
टीबी रोग के लक्षण
– लगातार तीन हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
– खांसी के साथ खून का आना
– छाती में दर्द और सांस का फूलना
– वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
– शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
– रात में पसीना आना