छात्र बीएड/डी एल एड करने के बाद भी बेरोजगार – विवेक प्रकाश। महुआ प्रखंड क्षेत्र के यूवा समाजसेवी विवेक प्रकाश ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि शिक्षक हमारे समाज एवम भविष्य के निर्माता होते हैं।शिक्षक बनने के लिए शिक्षक प्रशिक्षण आवश्यक हो गया हैं। बहुत से युवा का सपना होता हैं की वो शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर एक शिक्षक के रूप में समाजसेवा करे।बिहार सरकार प्रति वर्ष बीएड एवम डी एल एड बड़े स्तर पर करवाते आ रही हैं लेकिन शिक्षकों की भर्ती के नाम पर सिर्फ कागजी आदेश बनकर रह गए हैं। यूं कहे तो यहा की सरकार सिर्फ छात्रों से प्रशिक्षण के नाम पर धन उगाही करने के लिए बनी हुई हैं लेकिन जिसके लिए वो प्रशिक्षण प्राप्त किए उसकी पूर्ति भी नहीं करते बिहार के कोई ऐसी शिक्षक बहाली नही है जो समय से पूरा हुआ हो , कोर्ट कचहरी के चक्कर काटते – काटते कितने युवा के चप्पल घिस जाते हैं तो कितनो के घरद्वार गिरवी हो जाते हैं।बताते चले की वर्ष 2019 में लगभग 90000 शिक्षकों की भर्ती निकली थी , दो वर्ष पूरे हो भी चुके हैं , कोर्ट कचहरी की चक्कर काटते काटते लेकिन अभी तक शिक्षक भर्ती पूरी नहीं हो पायी।अब सरकार कोरोना रूपी बीमारी को ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रही हैं। मानो सरकार नौकरी देकर युवाओं पर एहसान करेगी जिसके बोट से साहब को गद्दी मिली आज उसी को धोखा दे रहे हैं तो ये उनकी भूल हैं।जो युवा बनाना जानता है वो हटाना भी जानता है।बीते कुछ वर्षों से सरकार के इसी रवैया के कारण बीएड ,डी एल एड करने वाले युवाओं में कमी आयी हैं। दरअसल कई वर्षों से बीएड/डीएल एड छात्रों का नौकरी के लिहाज से पसंदीदा क्षेत्र रहा है।लेकिन हाल ही में देखा जा रहा है कि छात्र बीएड / डी एल एड करने के बाद भी बेरोजगार हैं और उन्हें कहीं भी पढ़ाने के लिए नौकरी नहीं मिल रही है। सरकार ने नियुक्तियां करना बंद कर दिया है,वहीं प्राइवेट स्कूलों में भी अब अवसर कम हो गए हैं। इसके साथ ही एक और कारण भी है जिसकी वजह से छात्र बीएड से भाग रहे हैं।नौकरी के लिए कभी बेहद सुरक्षित समझे जा रहे हैं बीएड एवम डी एल एड से अब छात्रों का मोहभंग हो रहा हैं।अगर बीएड/डी एल एड में नामांकन को बढ़ाना है तो सरकार को इसके लिए पहले अपनी नीति ठीक करनी चाहिए प्रतिवर्ष शिक्षकों की भर्ती होनी चाहिए , समाज में शिक्षकों के लिए वैसा माहोल बनाए जिससे आने वाले युवापीढ़ी भी शिक्षण प्रशिक्षण के प्रति जागरूक रहें।साथ ही साथ सभी सरकारी या निजी शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान को अपने स्तर से निजी स्कूल द्वारा कैंपस प्लेसमेंट करवाना चाहिए।जिससे बीएड / डीएल एड के प्रति छात्रों का मोहभंग कम हो।