April 27, 2021

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अमिरे शरियत सह सज्जादा नशीन खानकाह रहमानी सह जनरल सेक्रेटरी ऑल इन्डिया मुस्लिम पर्सोनल लॉ बोर्ड के हजरत मौलाना मो. वली रहमानी स्मृति शेष। रंजीत कुमार विद्यार्थी

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अमिरे शरियत सह सज्जादा नशीन खानकाह रहमानी सह जनरल सेक्रेटरी ऑल इन्डिया मुस्लिम पर्सोनल लॉ बोर्ड के हजरत मौलाना मो. वली रहमानी स्मृति शेष।

रंजीत कुमार विद्यार्थी

मुंगेर, बिहार।

मोहम्मद इम्तियाज़ रहमानी ने बताया की हजरत मोलाना मोहम्मद वली रहमानी के पिता हजरत मोलाना मिन्नातुल्लाह रहमानी संस्थापक ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हैं ।उनके दादा का नाम हज़रत मोलाना मोहम्मद अली मुंगेरी जो संस्थापक नदवातुल ओलामा लखनऊ तथा जामिया रहमानी खानकाह मुंगेर है |उनका जन्म 5 जून 1943 को खानकाह रहमानी मुंगेर में हुआ है | उनकी प्रराम्भिंक शिक्षा रहमानी उर्दू स्कुल खानकाह तथा जामिया रहमानी मुंगेर से प्रारंभ हुई थी। आगे की पढ़ाई नदवातुल ओलामा लखनऊ,दारुल उलूम देवबन्द साथ ही साथ तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर से उच्च स्तर की शिक्षा ग्रहण किया। तत्पश्चात 1965 ईस० से सप्ताहिक पत्रिका नकिब के संम्पादक के रूप में काफी ख्याति प्राप्त किये |
जामिया रहमानी मुंगेर में 1966 से 1977 तक शैकक्षणिक दायित्व का निर्वाहन किये तत्पश्चात यहाँ पर 04 वर्षों तक प्राचार्य के रूप में अपना बहुमूल्य योगदान दिए | पिता के मृत्यु पश्चात् जामिया रहमानी के सरपरस्त और खानकाह रहमानी के सज्जादा नशीं रहे हैं दोनों संस्थानों का देश एवंम विदेशों में पहचान स्थापित कराया | 1991 से जून 2015 तक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी रहे जून 2015 में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रभारी जनरल सेक्रेटरी बनाये गए एवंम अप्रैल 2016 ईस० में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी बनाये गए
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अमिरे शरियत :- 29 नवम्बर 2015 को दारुल उलूम रहमानी जीरो माइल अररिया में आम सभा के माध्यम से अमिरे शरियत बिहार उड़ीसा झारखण्ड निर्विरोध निर्वाचित हुए |
1974 ईस० से 1996 ईस० तक बिहार विधान परिषद् के सदस्य रहे इसी दरमियान दो बार 1984 एवंम 1990 में डिप्टी चेयरमैन चुने गए | इस दौरान मुसलमानों के हुकुक की लड़ाई लड़ते रहे और तामीरी और तरक्कीयाति कार्यों में हिस्सा लेते रहे।
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इदारों का क्याम:- 1996 में सामाजिक सेवा तथा समुदाय के विकास एवंम उन्नति के लिए रहमानी फाउंडेशन स्थापित किया |जहाँ शिक्षा और स्वस्थ एवंम तकनिकी शिक्षा के माध्यम से महत्वपूर्ण सेवा की जा रही है |
2009 ईस० से मुस्लिम बच्चों के लिए इंजिनयरिंग में नामांकन के पूर्व की तैयारी हेतु पटना में रहमानी 30 की स्थापना किया था। परिणामतः मुस्लिम बच्चों और बच्चियों ने शानदार रिकार्ड कायम किया। साथ ही साथ आई आई टी में नामांकन की प्रतियोगिता के अलावा चार्टेड अकाउंट की तैयारी हेतु 2012 ईस० में प्रारंम्भ किया। साथ ही साथ 2013 मुस्लिम विद्यार्थी को वकील,जज की तैयारी तथा मेडिकल में नामांकन हेतु प्रतोगियता परीक्षा की तैयारी मुफ्त कोचिंग की स्थापना की |
वर्ष 2002 ईस० में मदारिस की हिफाजत की तहरीक चलायी और उसी तहरीक के लिए एक एतिहासिक मदारिस इस्लामिया मुंगेर में राष्ट्रिय कनवेनशन आयोजित की गयी | जिसका असर पुरे देश पर हुआ उन्होंने इस दौरान कई तहरीक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले इस्लाही समाज और संवैधिनिक अधिकार के बचाव एवंम दिन व दस्तूर बचाव की तहरीक का नेतृतव की, जो गाँधी मैदान के इतिहास में सबसे बड़ा जनसैलाब रहा |
उन्हें भारत ज्योति अवार्ड,राजीव गाँधी एक्सेलेंस अवार्ड शिक्षा रत्न अवार्ड, सर सैयद अवार्ड और इमाम राज़ी अवार्ड तथा कोलंबिया विश्वविद्यालय से डॉकट्रेट की मानद उपाधि मिली.
माहिर तालीम की हैसियत से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में तालीम पर इजहारे ख्याल के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मिट में शामिल हुए |
उनके महतवपूर्ण पुस्तकों के प्रकशन में शाह वली उल्लाह की जीवनी,बैत अहदे नबवी में,आपकी मंजिल ये है, दिनी मदारिस में सनअति तालीम का मसला,समाजी इन्साफ अदलिया और अवाम,मरकजी मदरसा बोर्ड और अकलियतों की तालीम,लड़कियों का कत्लेआम,शहनशाहे कोनेन के दरबार में हजरत सज्जाद मुफक्किरे इस्लाम किया 1857 ईस० में पहली जंगे-आजादी थी? मजमुआ रसाइले रहमानी खुत्बाते वली. इस्लाही माशरा की शाहराह. मुस्लिम पर्सनल लॉ और हिन्दुस्तानी कानून आदि महत्वपूर्ण है। अब तक साढ़े 15 लाख से ज्यादा अनुयायी ने हजरत के हाथों पर तौबा व बैत कर चुके हैं और देश व विदेश में आपके मुरिदीन (अनुयायी) फैले हुए हैं आपने खुलफ़ा के रूप में 09 का चयन किया हैं जो मुल्क के मुख्तलिफ हिस्सों में इस्लाही खिदमत अंजाम दे रहे हैं.
हज़रत साहेब ने 15 नवम्बर 2015 को ही अपने उतराधिकारी अपने बड़े साहबजादे हज़रत मोलाना अहमद वली फैसल रहमानी को घोषित कर दिया था।साथ ही साथ उनके द्वारा सभी कार्यों में मदद ली जा रही थी जो अब खानकाह रहमानी के सज्जादा नशीन होंगे। हज़रत साहेब के छोटे लड़के हामिद वली फहद रहमानी उनकी मदद करेंगे.

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