May 7, 2021

NR INDIA NEWS

News for all

ब्रह्मलीन हुए समाजसेवी सुरेंद्र यादव,(पूर्व विधायक डाॅ. इजहार अहमद)

1 min read

*ब्रह्मलीन हुए समाजसेवी सुरेंद्र यादव,(पूर्व विधायक डाॅ. इजहार अहमद)

दरभंगा के किरतपुर प्रखंड के अंतर्गत ढाँगा गाँव निवासी समाजसेवी सुरेंद्र प्रसाद यादव काशी में ब्रह्मलीन हो गए। उन्हें उनके ज्येष्ठ पुत्र और रेलवेकर्मी अनिल कुमार यादव ने गंगातट के हरिश्चंद्र घाट पर मुखाग्नि दी और अस्थि को गंगा में प्रवाहित किया। 02 मई को ही वे पटना से काशी अपने कनिष्ठ पुत्र स.प्रो.अशोक कुमार ज्योति को अपना सन्निधान देने वाराणसी पहुँचे थे। विगत नवंबर माह से ही वे पक्षाघात और अस्थमा से बुरी तरह ग्रस्त हो गए थे और उनका इलाज चल रहा था। उनके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव होता रहता था। वे पटना में ही कमजोरी महसूस कर रहे थे। वाराणसी पहुँचते ही इन दोनों बीमारियों ने उन्हें बुरी तरह ग्रस्त कर लिया। बी.एच.यू.के सुंदरलाल अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अपनी अंतिम साँस ली। जाँच के दौरान कोविड पाॅजिटिव भी पाया गया। देर रात उनकी हृदयगति रुक गई लगभग 75 वर्षीय सुरेंद्र प्रसाद यादव ने अपनी जीविका के लिए बिहार सरकार में पटना सचिवालय में नौकरी की,लेकिन वे आजीवन अपने गाँव की सेवा में लगे रहे। शिक्षा,स्वास्थ्य, जनवितरण सुवाधा,सड़कों आदि के निर्माण,सभी को उचित अधिकार और न्याय मिले,इसके लिए हमेशा तन-मन-धन से लगे रहते थे। अपने गाँव और इलाके में वे नेताजी’के नाम से सम्मान पाते थे। सुरेंद्र प्रसाद यादव के निधन से पूरा गाँव और इलाके का हर व्यक्ति मर्माहत है। अपने शोक-संदेश में बिहार लोकसेवा आयोग के सदस्य प्रो. अरुण कुमार भगत ने उन्हें एक योग्य और परिश्रमी पिता के रूप में याद किया। वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य निशांतकेतु ने कहा कि कम पढ़े-लिखे होकर भी वे सदैव अपने पुत्रों की उच्च शिक्षा के लिए प्रयत्नशील रहे। वरिष्ठ कवि-लेखक डाॅ.देवेंद्र दीपक ने कहा कि मैंने एक पुस्तक में उनके सुपुत्र डाॅ.अशोक का एक समर्पण पढ़ा कि ‘अपने पिता को समर्पित,जिन्होंने अभावों में रहकर भी कभी मेरे लिए काॅपी,किताब और कलम की कमी नहीं होने दी’,इस तरह अपने परिवार को शिक्षित करने में वे पूरे मन से लगे थे और उनका यही सद्भाव अपने समाज के प्रति भी था। पूर्व विधायक और’प्यारी उर्दू’ के संपादक सह गौड़़ाबोरम प्रखंड क्षेत्र के पूर्व विधायक डाॅ. इजहार अहमद ने कहा कि उन्होंने अपना एक बड़ा भाई और अभिभावक खो दिया है। वे लोगों की हर समस्या के निदान के लिए हमेशा तैयार रहते थे। कई गरीबों की बेटियों की शादी में उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डाॅ.विन्देश्वर पाठक से मदद दिलवाई थी। वे गाँव के हर विकोसोन्मुख कार्यों के लिए राजनेताओं से लेकर सरकारी अधिकारियों तक को आवेदन आदि लिखते रहते थे और काम को पूरा करवाते थे। डाॅ. इजहार को उनके कार्यों और सभी के प्रति सम्मान-भाव के कारण श्री सुरेंद्र बेहद पसंद करते थे। ढाँगा के वयोवृद्ध शिक्षक खुशीलाल यादव ने कहा कि उन्होंने अपना एक छोटा भाई खो दिया है, जो समाज का सच्चा बेटा था। उनका जाना हमारे परिवार की एक अपूरणीय क्षति है। पूर्व सरपंच रामस्वरूप यादव ने कहा कि वे हम जैसे अनेक लोगों के व्यक्तित्व-निर्माता थे। उन्होंने हमें हमेशा सही मार्ग पर चलने की सीख दी। वे सच्चे न्यायकर्ता थे। बेचू मुखिया ने कहा कि वे गरीबों के हमदर्द थे। वे कभी किसी के प्रति किसी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करते थे और उसे हर तरह से मदद करते थे। श्याम मेहता और सुशील मेहता ने अपने ‘चाचा’ को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ‘तन-मन-धन’ से समाज की सेवा कैसे होती है,इसके वे प्रेरक पुरुष थे। वासुदेव चौपाल ने कहा कि वे सबको शिक्षा मिले, इसके लिए सदैव मेहनत करते रहे। अरविंद यादव ने कहा कि वर्तमान में ढाँगा-कुबौल पंचायत और हमारे गाँव का उच्च विद्यालय उन्हीं की देन है। गब्बर पासवान ने कहा कि वे हम गरीबों के स्वाभिमान और सम्मान के रक्षक थे। हरेराम राय ने कहा कि आज हम’अनाथ’ महसूस कर रहे हैं। सुकन साहू ने उन्हें स्त्रियों के पारिवारिक-सामाजिक समानता के लिए कार्य करनेवाले आदर्श व्यक्ति के रूप में श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर डाॅ.रामनंदन रमण,जयनारायण यादव,सत्यनारायण यादव,इंजीनियर रामनारायण यादव,सत्येंद्र यादव,वास्तुविद् राहुल कुमार,अधिवक्तागण रामचंद्र यादव एवं रेखा यादव,श्यामनंदन राय,रामबहादुर यादव,जलंधर राय,कृष्णकुमार यादव,जीबछ यादव,चलित्तर यादव,लक्ष्मी साहू,अरुण साहू,महेश साहू,जीतन साफी,बलराम चौपाल,विनोद चौपाल,तुलमोहन यादव आदि ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.