बलिगांव में हॉस्पिटल का नाम बदल बदल कर झोलाछाप डॉक्टर द्वारा मरीज की जान से खेलने का सिलसिला जारी।
बलिगांव में हॉस्पिटल का नाम बदल बदल कर झोलाछाप डॉक्टर द्वारा मरीज की जान से खेलने का सिलसिला जारी।
रिपोर्ट सुधीर मालाकार ।
वैशाली ! !पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के बलिगांव थाना अंतर्गत चिकनौटा गांव के एन एच 28 पर एक झोलाछाप डॉक्टर के काले कारनामे सामने आए है ,जो कई वर्षों से एक ही हॉस्पिटल का नाम बदल बदल कर मरीजों का दोहन एवं शोषण का सिलसिला जारी किए हुए हैं ।स्वास्थ्य विभाग जान कर भी अनजान बना हुआ है। अभी तक दर्जनों मरीज उक्त डॉक्टर के क्लीनिक में अपनी जान गवा चुके हैं ।कई बार परिजनों ने भी मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी वैशाली से जांच एवम करवाई की गुहार लगाई लेकिन मोटी रकम के आगे कार्रवाई की बात तो दूर सही जांच भी नहीं हो सकी । केवल कागजी जांच दिखाकर हॉस्पिटल संचालक झोलाछाप डॉक्टर को क्लीन चिट दी गई । बताते चलें कि जिले के पातेपुर थाना अंतर्गत बलिगांव थाना के अधीनस्थ चिकनौटा एनएच 28 पर एक झोलाछाप डॉक्टर जिसका नाम निरंजन कुमार साह बताया गया, अपने एक क्लिनिक का नाम बदल बदल कर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने की सिलसिला जारी रखे हुए। कथित डॉक्टर द्वारा पहले एम बी पॉलीक्लिनिक एवं प्रसूति केंद्र के नाम से हॉस्पिटल संचालित किया। जिसके विरुद्ध बलिगांव थाना क्षेत्र के चकजादो निवासी मोहम्मद उस्मान पिता मोहम्मद हबीब ने अपने भाई के गलत इलाज कर जान से मारने की जांच के लिए आवेदन जिला मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को दिया था । उसी थाना क्षेत्र के शत्रुघ्न माझी ने भी मां जानकी इमरजेंसी हॉस्पिटल के खिलाफ जांच का आवेदन दिया था ।जिस पर जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पातेपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जांच का आदेश भी दिया था ।उसके बाद डॉक्टर ने मां जानकी इमरजेंसी हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के नाम से नए हॉस्पिटल का संचालन करने लगा ।जब इस पर भी स्थानीय लोगों ने शिकायत की उस डॉक्टर ने पुनः एक बार रिवेट इमरजेंसी हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से नई संस्थान खड़ा कर लिया। स्थानीय सूत्रों ने बताया सभी हॉस्पिटल के मोबाइल नंबर एक ही था और संचालक डॉ एन के साह ही था।
संचालक एक और समय के अनुसार हॉस्पिटल का नाम बदल बदल कर मरीजों के जान से खिलवाड़ करने वाला झोलाछाप डॉक्टर इनके साथ स्वास्थ्य विभाग के सह के कारण फल फूल रहा है ।जिससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं इस स्वास्थ्य की खिलवाड़ में स्वास्थ्य विभाग शामिल है।
