फ़िल्म छिपकली अफजल की कहानी, ब्लैक्स और बुक फलक तलक, की कॉपी है..इरफान जामिया वाला
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रिपोर्ट:नसीम रब्बानी
मुंबई: वर्ष 2011 मे मैने एक स्टोरी पे काम करना शुरू किया। वो स्टोरी थी अफजल रिज़वी की और में उस का निर्देशन कर रहा था,- नाम था ब्लैक्स – उसे लेकर काफी प्रोडक्शन हाउस से मिला – फ़िल्म सेटप के लिए पर कोई बात नहीं बनी – उस कहानी को हमारी टीम के लोगों ने काफी लोगों को मेल भी किया – इस बीच कइ निर्माता और फाइनेंसर मिले सबने कहाँ कोई एक्टर ले के आओ तो फाइनेंस कर दूंगा और उसी बीच इरफान खान मिले उन्होंने जब लोखंडवाला में कहानी सुनी तो बोला मै ये फिल्म करूँगा और – में और अफजल इस कहानी को फ़िल्म फॉर्मेट मे बनाने की तैयारी मे लग गए – कइयों को कहानी पिच की गयी लेकिन नसीब से ये ब्लैक्स नाम की कहानी फ़िल्म ना बन सकी. फिर आया 2017 – और अफजल ने इस कहानी को किताब के फॉर्मेट मे तैयार करना शुरू किया – और इसका टाइटल हुआ – फलक तलक – हिंदी मे ये बुक नोशन प्रेस से फरवरी 2020 मे पब्लिश हुई.
कुछ महीनों बाद कुकू एफ एम पर भी यही किताब ऑडियो बुक मे भी आ गयी.. जो कि अब भी मौजूद है.
खैर, फिर आता है मार्च 2023 और एफ. बी पे अपने मित्र लेखक,n निर्देशक अविनाश दास का पोस्ट देखा की उन्होंने एक अदभुत फिल्म छिपकली देखी जिसमे एक लेखक अपने किरदार से बात करता है मुझे बहुत आश्चर्य हुआ फिर हमने यू ट्यूब पे ट्रेलर देखा तो आवाक रह गया, फिर सारी वीडियो देखा
जैसे जैसे मै ट्रेलर देखता गया – दिमाग झंझना गया – इसलिए नहीं कि ट्रेलर अच्छा बना था – बल्कि इसलिए कि अफजल की कहानी ब्लैक्स जो कि अब बुक फॉर्मेट मे थी उसके लीड किरदार को पुरी तरह से कॉपी कर लिया गया था.
अपने मित्र अफजल को मैने कॉल किया – ये वही मित्र था जो ब्लैक्स कहानी को फ़िल्म बनाने के लिए अपने कई साल बर्बाद किये थे.. मित्र ने पूछा कुछ समझे? मैंने कहाँ हाँ हमारी फिल्म को पूरी घटिया ढंग से चोरी कर लिया गया है, परेशान हूँ कि कोई किसी की स्टोरी, उसका किरदार ऐसे कैसे चुरा सकता है.. और तो और उसे बिगाड़ भी दिया,
छिपकली फ़िल्म अफजल की कहानी ब्लैक्स और बुक फलक तलक की कॉपी है.. एक्टर यशपाल शर्मा और दूसरे मेंबर्स से अफजल की और मेरी बात हुई.. वो सरासर इंकार कर रहे हैँ.. जबकि ट्रेलर के ही कई शॉट्स, किरदार, कहानियां…. पुरी तरह से कॉपी है…
यशपाल शर्मा से जब अफजल की बात हुई तो वो कह रहे हैँ कि ये सस्ती पब्लिसिटी स्टंट है.. जबकि सच ये है कि किसी की एक कहानी को चुराकर उसमे अपनी तरफ से दो तीन बकवास प्लॉट्स को घुसेड़ देने से वो कहानी वो किरदार आपका नहीं हो जायेगा..
कोशिश कर रहे हैँ हम कि छिपकली तब तक रिलीज़ ना हो पाए जब तक कि मामला निपट नहीं जाता.. दूध का दूध पानी का पानी तब तक नही छोडूंगा....
इरफान जामियावाला,लेखक निर्देशक, निर्माता
बॉलीवुड, फिल्म इंडस्ट्री