शिक्षा विभाग अपने तानाशाही फरमान को अविलंब वापस ले : राजू वारसी
शिक्षा विभाग अपने तानाशाही फरमान को अविलंब वापस ले : राजू वारसी
रिपोर्ट मोहम्मद आसिफ अता,वैशाली बिहार
हाजीपुर / महुआ (वैशाली)शिक्षा विभाग के द्वारा लगातार तानाशाही फरमान को लेकर इंसाफ मंच वैशाली जिलाध्यक्ष राजू वारसी ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि
बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग द्वारा लगातार नियोजित शिक्षकों का शोषण और प्रताड़ित करने की साज़िश की जा रही है।वहीं कई वर्षों से नियोजित शिक्षकों द्वारा सरकार से अपने नौकरी को सरकारी दर्ज़ा देने को लेकर संघर्ष और आंदोलन किया जाता रहा है।जिसके बाद भी अब तक नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा नहीं दिया गया जो घोर अन्याय है।जबकि लाखों नियोजित शिक्षक दक्षता परीक्षा पास हैं।बिहार सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने को लेकर एक साजिश के तहत नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के नाम पर उन्हें नौकरी से ही हटाने की कोशिश की जा रही है।जिसको लेकर शिक्षा विभाग ने यह तुगलकी फरमान निकाला है कि जो तीन बार में सक्षमता परीक्षा में पास होगा उसे सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा और जो नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा में तीन बार फेल हो जाएंगे उसे नियोजित शिक्षक पद से भी हटा दिया जाएगा।जबकि नियोजित शिक्षकों को यही सरकार 60 वर्षों के लिए नौकरी पर बहाल कर दिया है।बावजूद इसके शिक्षा विभाग और सरकार इन्हें कैसे हटाने की बात कर रही है।यह सरकार की तानाशाही रवैये को दर्शाता है।जिसको लेकर पुनः बिहार भर में शिक्षक संघ के सभी दलों ने इस तानाशाही फरमान के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है।फिर शिक्षा विभाग और नीतीश कुमार की सरकार ने तानाशाही फरमान जारी किया है कि जो शिक्षक आंदोलन करेगा उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने और जांच का आदेश दिया है जो कि पूरा के पूरा तानाशाही फरमान है।राजू वारसी ने मांग कर कहा है कि बिहार सरकार अविलंब सभी आदेश को वापस लें और बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दें।