March 16, 2025

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  (AIIMS) , दिल्ली मे मरता वही है जो गरीब होता है

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    (AIIMS) , दिल्ली मे मरता वही है जो गरीब होता है

संवाददाता, दिल्ली 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) , दिल्ली भारत का सबसे प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल और चिकित्सा संस्थान है। यहां भी इलाज़ स्त्रीकरण के आधार पे होता है, अगर आम आदमी इलाज़ के लिए जाए तो ऑपरेशन के लिए 2 साल से पहले का समय नहीं मिलता है इसलिए हर साल लाखों मरीज़ इलाज़ न होने के वजह से मर जाता है, पर अगर कोई सांसद, विधायक हो तो उनको तुरन्त जगह देकर इलाज़ शुरू हो जाता है और एक घंटा के अंदर ऑपरेशन भी हो जाता है और वो भी वि आई पी इलाज़ सरकारी खर्चे पे, यहाँ इलाज की व्यवस्था अलग-अलग लोगों के लिए अलग होती है, लेकिन यह मुख्य रूप से निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:

1. सामान्य और निजी (Private) मरीजों की व्यवस्था

AIIMS में मरीजों के इलाज के लिए दो मुख्य श्रेणियाँ होती हैं:

A. सामान्य (General) श्रेणी के मरीज

ये वे मरीज होते हैं, जो सरकारी दरों पर इलाज करवाते हैं।

सामान्य श्रेणी के मरीजों के लिए Outpatient Department (OPD) और Inpatient Department (IPD) में इलाज काफी किफायती होता है।

ओपीडी में पंजीकरण शुल्क ₹10/- मात्र होता है।

दवाएँ और कुछ जाँचें (जैसे ब्लड टेस्ट, एक्स-रे) निःशुल्क या बहुत कम शुल्क पर उपलब्ध होती हैं।

अधिक गंभीर मरीजों को एम्स के वार्डों में भर्ती किया जाता है, जहाँ मुफ्त या बहुत कम शुल्क पर इलाज होता है।

सर्जरी और अन्य उपचारों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि मरीजों की संख्या बहुत अधिक होती है।

B. निजी (Private) श्रेणी के मरीज

AIIMS में निजी वार्ड की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसमें मरीज अधिक शुल्क देकर इलाज करवा सकते हैं।

निजी मरीजों को वरिष्ठ डॉक्टरों और विशेषज्ञों से जल्द अपॉइंटमेंट मिल जाता है।

वार्ड और कमरों की सुविधा बेहतर होती है (AC कमरे, व्यक्तिगत बाथरूम आदि)।

जाँच और इलाज की प्रक्रिया तेज़ होती है, लेकिन शुल्क अधिक होता है।

2. VIP और सरकारी अधिकारियों के लिए विशेष व्यवस्था

AIIMS में कुछ श्रेणियों के लोगों के लिए विशेष सुविधाएँ उपलब्ध हैं:

A. सरकारी अधिकारी और सांसद (MPs)

भारत सरकार के सांसदों और उच्चाधिकारियों के लिए विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होती है।

उनके लिए अलग से VIP वार्ड और विशेष डॉक्टरों की टीम होती है।

उन्हें बिना लंबी प्रतीक्षा सूची में आए इलाज की सुविधा मिलती है।

B. जज, नौकरशाह और अन्य VVIPs

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों, वरिष्ठ नौकरशाहों, राजनेताओं आदि के लिए विशेष व्यवस्था होती है।

इनके लिए अलग से स्पेशल वार्ड और त्वरित मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

3. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और मुफ्त इलाज की सुविधा

AIIMS आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और गरीब मरीजों को भी प्राथमिकता देता है:

EWS मरीजों को कई तरह की छूट दी जाती है, जैसे कि निःशुल्क OPD, दवाइयाँ और कुछ सर्जरी।

आय प्रमाण पत्र (Income Certificate) या आयुष्मान भारत योजना कार्ड दिखाने पर कई सुविधाएँ मुफ्त मिलती हैं।

राज्य सरकार की योजनाओं के तहत भी मरीजों को सहायता मिलती है।

4. एम्स में इलाज की प्राथमिकता का आधार

AIIMS में मरीजों को प्राथमिकता देने का आधार मुख्य रूप से बीमारी की गंभीरता होती है, लेकिन अन्य कारक भी इसमें भूमिका निभाते हैं:

1. गंभीरता: आपातकालीन और जीवन-मृत्यु की स्थिति में मरीजों को प्राथमिकता दी जाती है।

2. सरकारी अधिकारी / VIP: सांसदों, मंत्रियों और जजों को प्राथमिकता मिलती है।

3. आर्थिक स्थिति: गरीब मरीजों के लिए निःशुल्क सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

4. निजी वार्ड: अधिक शुल्क देने वाले मरीजों को तेज़ इलाज मिलता है,

निष्कर्ष

AIIMS, दिल्ली में सभी मरीजों को इलाज की सुविधा दी जाती है, लेकिन इलाज पाने की गति और सुविधा मरीज की श्रेणी के अनुसार बदलती है।

सामान्य मरीजों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है, लेकिन वे सस्ता और उच्च स्तरीय इलाज पा सकते हैं।

निजी मरीज अधिक पैसे देकर बेहतर सुविधाएँ और तेज़ इलाज पा सकते हैं।

VIP और सरकारी अधिकारियों के लिए विशेष वार्ड और प्राथमिकता दी जाती है।

गरीब मरीजों और EWS श्रेणी के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

इस तरह, AIIMS में इलाज लोकतांत्रिक लेकिन व्यवस्थित रूप से वर्गीकृत होता है, जिससे सभी को सुविधा मिल सके, अर्थात ये साबित हो गया कि सरकार ग़रीबों के नाम पे सिर्फ अपना उल्लू सीधा करता है।।
इरफान जामियावाला
लेखक, निर्देशक

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