संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की १३४वी जयंती विभिन्न स्थानों के द्वारा धुम धाम से मनाई गई: रियाज़ ख़ान क़ादरी साहब
मधुबनी संवाददाता मो सालिम आजाद
संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 134 में जयंती पर याद किए गए संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ,देश बचाओ,अभियान दरभंगा के तहत संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 134 वाँ जयंती समारोह पार्षद सह संयोजक संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ अभियान दरभंगा नफीसुल हक़ रिंकू के आवासीय कार्यालय पर उनकी अध्यक्षता में मनाई गई, एवं इस कार्यक्रम का संचालन, जमाल हसन ने किया। आज संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर देशभर में विभिन्न जनसंगठनों, बुद्धिजीवियों और नागरिकों ने एक सुर में संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दोहराया। वक्ताओं ने इस अवसर पर मोदी सरकार की अमरीका-परस्त नीतियों और देश के भीतर जारी फासीवादी हमलों की तीखी आलोचना की।
बयान में कहा गया कि डॉ. अंबेडकर ने भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। आज वही संविधान खतरे में है। संघ–भाजपा द्वारा “हिंदू राष्ट्र” की तरफ देश को ढकेलने की कोशिशें, लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करना, और अल्पसंख्यकों एवं दलित–पिछड़ों के अधिकारों पर हमले – ये सब एक संगठित षड्यंत्र का हिस्सा हैं।
रियाज़ खान कादरी ने कि सरकार की अमेरिका के सामने झुकने वाली विदेश नीति, ट्रंप के समय से चली आ रही अपमानजनक घटनाएं, और फिलिस्तीन पर भारत की चुप्पी – इन सबने भारत की वैश्विक छवि और स्वाभिमान को नुकसान पहुंचाया है।
इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर की ऐतिहासिक चेतावनी भी दोहराई गई: नफीसुल हक़ रिंकू ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर किए गए हमले – जैसे तीन तलाक कानून, सीएए–एनआरसी, और वक्फ बोर्ड संशोधन – केवल अल्पसंख्यकों पर नहीं, बल्कि भारत के संविधान की आत्मा पर चोट हैं।
डब्बू खान ने कहा कि बाबा साहेब डॉo भीम राव अम्बेडकर जी की वैचारिकी और “शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो” का मंत्र आज संविधान बचाने के संघर्ष की प्रेरणा है।
इस जयंती पर नेयाज अहमद ने कहा कि भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं – जिसने धर्मनिरपेक्षता, समानता और सामाजिक न्याय की चेतना को मजबूत किया। स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए अंबेडकर और कम्युनिस्ट आंदोलन की साझा विरासत को बल देने का आह्वान किया गया। बाबा साहेब डॉo भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती के अवसर पर पुष्प अर्पित करने वालों में पूर्व पार्षद सिबगतुल्ला उर्फ डब्बू खान,नेयाज अहमद इंसाफ मंच, सरफे आलम तमन्ने, अधिवक्ता मुमताज़ आलम, आस मोहम्मद,रियाज़ खान कादरी, पार्षद फिरोज आलम, रुस्तम कुरैशी, खालीकुश जमा पप्पू, आफताब अशरफ, आरजू उर्फ, गंगा मंडल, सचिन राम, मोo उमर, दुलारे दीप, रतन राम, सोनू खान, प्रमोद कुमार, वशिम कुरैशी, महताब अख्तर चांद, मोo फरहान, हकीम सिद्दीकी समीर अल्फ़ाज़, मो नदीम, मोo आरजू, सोनू खान, अजीत राम, मुकेश कुमार राम, अजय राम, प्रमोद राम, छोटू राम, अक्षय कुमार, मोo जावेद, दिनेश सहनी, सुनील राम, पवन कुमार, अजय कुमार, मोo शारिक, मोo फकरुद्दीन सहित सैकड़ों लोगों ने बाबा साहेब डॉo भीम राव अम्बेडकर जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर संविधान निर्माता को याद किया।