ईद मिलादुन्नबी की 1500वीं सालगिरह के मौके पर 5 सितंबर को दरभंगा में निकाला जाएगा जुलूसे मोहम्मदी
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ईद मिलादुन्नबी की 1500वीं सालगिरह के मौके पर 5 सितंबर को दरभंगा में निकाला जाएगा जुलूसे मोहम्मदी
जुलूस में डीजे साउंड का प्रयोग न करें, अंजुमन कारवान-ए-मिल्लत
मधुबनी संवाददाता मोहम्मद सालिम आज़ाद
हर साल की तरह इस साल भी हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की यौमे पैदाइश के मौके पर 12 रबी-उल-अव्वल शरीफ यानी 5 सितंबर 2025 को दरभंगा में बड़े ही धूमधाम से जुलूसे मोहम्मदी निकाला जाएगा। हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की 1500वीं यौमे पैदाईश के मौके पर सभी लोग अपने-अपने मोहल्लों में इसकी जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं। अंजुमन कारवान-ए-मिल्लत वेलफेयर ट्रस्ट फैजुल्लाह खान दरभंगा भी हर साल की तरह इस साल भी इसकी तैयारियों में जुटा है। ट्रस्ट के संस्थापक और अध्यक्ष रियाज खान कादरी कई मोहल्ले मोहल्ले जाकर लोगों को समझ रहे हैं और मीडिया के जरिए दरभंगा के सभी मोहल्ले के मुसलमानों से अनुरोध किया कर रहे हैं कि जुलूस में शामिल होने वाले लोग इस्लामी लिबास पहन कर, हाथ में इस्लामी झंडा लेकर दुरूद शरीफ पढ़ते हुए पैदल जुलूस में चलें। डीजे साउंड और म्यूजिक वाली नात ना बजाए जुलूस में चलते वक्त किसी तरह की बदनजमी हुड़दंगी ना करें जुलूस में इस तरह चलें कि किसी अपने तो अपने दूसरे धर्म के लोगों को भी कोई तकलीफ ना हो नारे तकबीर नारे रिसालत सरकार की आमद मरहबा के अलावा कोई भी दूसरा नारा ना लगे, जिस संगठन या आलिम को आप अपना रहनुमा मानते हैं, उनकी बातों पर अमल करें। अगर वे आपको कुछ समझाते हैं तो उसका पालन करना बेहद जरूरी है। हम उस पैगम्बर के मानने वाले हैं जिन्होंने हमें रहने, खाने, चलने, उठने और बैठने का तरीका सिखाया है। जुलूस में इस तरह चलें कि कोई आपको देखे तो कहे कि ये उसी इस्लाम और इसी पैगम्बर के मानने वाले हैं जिन्होंने दुनिया को नैतिकता और प्रेम का संदेश दिया है।प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अंजुमन कारवान-ए-मिल्लत के अध्यक्ष रियाज खान कादरी ने बताया कि हर साल यह जुलूस किलाघाट से शुरू होता है। इस साल भी शुक्रवार होने के कारण यह सुबह 7 बजे किलाघाट से ये जुलूस शुरू होते हुए उर्दू बाजार, करम गंज, दुमदूमा नाका, नंबर 6 रहम गंज होते हुए खान चौक पहुंचेगा, जहां अंजुमन कारवान-ए-मिल्लत वेलफेयर टेस्ट की देखरेख में कई मोहल्लों का जुलूस इकट्ठा होगा। फिर यह जुलूस किलाघाट के जुलूस में शामिल होकर मौलागंज, मिर्जापुर, दरभंगा टावर, मशर्रफ बाजार होते हुए मदरसा हमीदिया किलाघाट पहुंचेगी जहां सलाम और दुआ के बाद जुलूस का समापन हो जाएगा यह जुलूस दरभंगा के अहले सुन्नत वल जमात के आलिमों की सरपरस्ती में निकाला जाता है। इसलिए हम आप सभी से अनुरोध करते हैं कि इस साल समय का ध्यान रखें और समय पर जुलूस में शामिल हों हर जुलूस में तंजीमो के जिम्मेदार शांति समिति के जिम्मेदार और शहर के गणमान्य लोग जिला प्रशासन जुलूस में निगरानी करते हुए चलते हैं जलूस मैं दरभंगा शहर के हर मोहल्ले के लोगों के ईलावा कई गांव से भी लोग शामिल होते हैं