नारायण सेवा संस्थान के वैनर तले श्री सत्य साईं भगवान का मासिक भजन , कीर्तन और परिचर्चा का आयोजन हुआ।
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शहर के वरिष्ठतम साहित्यकार, राज नारायण महाविद्यालय के अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेन्द्र नाथ
जी के मस्जिद और नखास चौक के बीच स्थित परिसर में नारायण सेवा संस्थान के वैनर तले श्री सत्य साईं
भगवान का मासिक भजन , कीर्तन
और परिचर्चा का आयोजन हुआ।
आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता साहित्यकार सह अध्यात्मवादी प्रो0
जितेन्द्र नाथ जी ने किया ,जब कि
संचालन सक्रिय समाजसेवी श्री ओम प्रकाश साह ने किया ।
मुख्य वक्ता के रूप में अवकाश
प्राप्त बैंक अधिकारी ,शहर के हिन्दी
बज्जिका के वरिष्ठ साहित्यकार श्री
रवीन्द्र कुमार रतन एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में अवकाश प्राप्त
आयकर अधिकारी श्री कामेन्द्रकुमार
श्रीवास्तव उपस्थित रहे ।
श्रीमती शिला नाथ जी ( प्रो0जितेन्द्र नाथ जी की पत्नी) विषय प्रवेश कराते हुए सरस्वती वंदनासेकार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ। तब उपस्थित भजन कर्मियों ने अपनी- अपनी पसन्द का भजन कीर्तन कर भगवत आराधना में लीन रहे ।
मुख्य वक्ता के रुप में श्री रवीन्द्र कुमार रतन ने बोलते हुए सतयुग,त्रेता ,द्वापर और कलयुग की चर्चा करते हुए बताया कि हर युग में भगवान की पूजा-पाठ होती रही है।
सत्य युग में ‘सत्य की प्रधानता रही,
त्रेता में मर्यादा की प्रधानता रही ,
द्वापर में अधिकार की प्रधानता रही
और आज कलयुग में स्वार्थ की प्रधानता विमान है। मगर पूजा-पाठ
प्रत्येक युग में होता रहा है। सांई बाबा एक अलग तरह के प्रतिभावान
ग्यान के प्रकाशस्तम्भ की तरह रहे जो जाति धर्म से ऊपर उठ कर समाज का मार्ग दर्शन करते रहे ।
हम समाज में शान्ति ,समृद्धि,सद्भाव
एवं मानव जाति के कल्याण तथा
उत्थान के लिए सांई का भजन भगवत भाव कर उनके शरण में जाने का प्रयास करेते हैं । अंत में श्री रतन ने कहा कि आपमें भगवान के प्रति वेदना जितनी गहरी होगी भगवान की भक्ति उतनी ही गहरी होगी और उसी मात्रा में भगवान की शक्ति की भी प्राप्ति होगी ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री जितेन्द्र नाथ जी ने सभी नारी-पुरूष
एवं आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने जीवन का अन्तिम क्षण अध्यात्म को समर्पित करने की इच्छा बतलाई। उन्होने मुहल्ले में भजन के समय लोग के डी जे बजाने
पर आपत्ति प्रकट की और कहा कि इससे अशान्ति फैलती है।
सभा मे मुख्य रूप से लीला देवी,
संध्या देवी ,सरस्वती देवी ,आशा भारती, सिम्मी कुमारी ,निर्जला कुमारी , अर्थव राज सोनी ,आयुष सोनी ,अदिती सोनी ,वंदना कुमारी,
मिना देवी , श्री आकाश कुमार,सुनील कुमार, सत्यम कुमार, सचिन कुमार आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
अंत में विशेष अतिथि श्री कामेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने अपन विचार रखते हुए आए हुए सभी लोगों को धन्यवाद एवं बुलाने के लिए आभार व्यक्त किया ।