March 23, 2021

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प्रशिक्षित ईएमटी करेंगे बच्चों के जीवन की रक्षा

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प्रशिक्षित ईएमटी करेंगे बच्चों के जीवन की रक्षा

– एबुंलेंस मेडिकल टेक्नीशियन की क्षमता को बढ़ाने के लिए दिया गया प्रशिक्षण

शिवहर, 23 मार्च
एईएस और चमकी बुखार की चुनौती का सामना करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। इसी कड़ी में मंगलवार को सरोजा सीताराम सदर अस्पताल में ईएमटी की ट्रेनिंग दी गयी । यह प्रशिक्षण एईएस/ जेई प्रभावित क्षेत्र के एबुंलेंस मेडिकल टेक्नीशियन की क्षमता को बढ़ाने के लिए दिया गया। ताकि चमकी बुखार की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सके। चमकी बुखार होने पर शुरुआत के चार घंटे काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान जो भी बच्चे एम्बुलेंस से लाए जाएं उनकी उचित देखभाल और प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मिलना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण केयर के सहयोग से आयोजित किया गया। प्रशिक्षण नर्सिंग ऑफिसर डेजी प्रीति, नूतन, सुमन मिंज, केयर से नीरू, सीमा ने दिया। प्रशिक्षण में एम्बुलेंस कंट्रोल ऑफिसर रानू उपस्थित थे।

एम्बुलेंस में प्रशिक्षित टेक्नीशियन की जरूरत
केयर की नीरू ने बताया इस तरह के मरीज जब अस्पताल में आते हैं तो उनका तत्काल ग्लूकोज लेवल माप कर उन्हें स्लाइन चढ़ायी जाती है। उसके बाद प्राथमिक उपचार कर के ही रेफरल अस्पताल में भेजा जाता है। यहीं पर इमरजेंसी मेडिकल टेकनीशियन अपनी भूमिका निभाते हैं। यह जिस एम्बुलेंस में होते हैं वह अत्याधुनिक लाइफ सर्पोटिंग सिस्टम मशीनों से लैस रहता है। इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर एवं सभी तरह की दवाएं होती हैं। साथ ही मरीज के लिए स्लाइन की भी व्यवस्था होती है। ऐसे में कोई प्रशिक्षित पारामेडिकल स्टॉफ ही इन सबको संभाल सकता है। यह प्रशिक्षण इन्हीं चीजों की क्षमता को बढ़ाने के लिए दिया गया।

जमीनी स्तर पर चल रहा जागरूकता अभियान
सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि एईएस-चमकी बुखार से उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सजग और तैयार है। उन्होंने कहा – इसके लिए आम जनता को भी जागरूक करने की जरूरत है। जागरूकता के लिए जमीनी स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, आशा व विकास मित्र घर-घर घूमकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं । जागरूकता के लिए माइकिग भी करायी जा रही है । साथ ही बैनर पोस्टर के जरिए जागरूकता फैलाई जा रही है। ताकि एईएस और जेई के मरीज के संबंध में ससमय सूचना मिल सके और उसका इलाज हो सके।

तेज बुखार व चमकी आना प्रमुख लक्षण
सिविल सर्जन डॉ सिंह ने बताया कि एईएस या चमकी बुखार को बीमारी का छाता कह सकते हैं। इसका कारण अभी तक पता नहीं चल सका। इसके मुख्य कारण गर्मी, नमी व कुपोषण सामने आए हैं। जब गर्मी 36 से 40 डिग्री व नमी 70 से 80 फीसद के बीच हो तो इसकी समस्या शुरू होती है। बीमारी का लक्षण तेज बुखार व चमकी आना है, इसलिए इसे चमकी बुखार कहते हैं। इसमें बच्चा देखते-देखते बेहोश हो जाता है।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,-
– एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
– अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
– आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।

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