September 25, 2021

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सदर अस्पताल में परिवार कल्याण मेले की हुई शुरुआत/रिपोर्ट नसीम रब्बानी

सदर अस्पताल में परिवार कल्याण मेले की हुई शुरुआत/रिपोर्ट नसीम रब्बानी

– सात स्टॉल देंगे परिवार नियोजन की जानकारी
– स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में मिलेगी जानकारी

मुजफ्फरपुर, 24 सितंबर । मिशन परिवार विकास अभियान के तहत शुक्रवार को अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह परिवार कल्याण पदाधिकारी डॉ सुभाष कुमार की अध्यक्षता में सदर अस्पताल में परिवार कल्याण पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर सदर अस्पताल में परिवार नियोजन मेला का भी आयोजन किया गया है। जिसमें सात स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों में परिवार नियोजन से संबंधित स्थायी और अस्थायी साधनों की जानकारी दी जाएगी। मालूम हो कि सितंबर महीने में 6 से 25 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान आयोजित किया जाना है। परिवार कल्याण मेले के मौके पर एसीएमओ ने कहा कि जनसंख्या के स्थिरीकरण और सामाजिक संतुलन के लिए परिवार नियोजन बहुत ही जरूरी है। इसमें जितनी भूमिका महिला की है उतना ही पुरुषों की भी है।
प्रखंड स्तर पर आयोजित करना है परिवार कल्याण मेला
परिवार विकास अभियान के अवसर पर जिला एवं प्रखंड स्तर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार कल्याण मेला का आयोजन किया जाना है। जिसमें सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर परिवार कल्याण कार्यक्रम अंतर्गत प्रदान की जाने वाली अस्थायी एवं स्थायी उपायों की प्रदर्शनी लगाते हुए परिवार नियोजन के लाभ व उपलब्ध सेवाओं को भी समझाना है। स्लो मूविंग व्हैकिल के माध्यम से प्रचारित व प्रसारित किया जाना है।
90 प्रतिशत दम्पतियों में परिवार नियोजन के उपायों की मांग
डीसीएम राजकिरण ने कहा कि संस्थागत प्रसव के पश्चात लगभग 60 प्रतिशत दम्पत्तियों एवं सुरक्षित गर्भपात पश्चात 90 प्रतिशत नियाजन हेतु उपाय की मांग है। अत: प्रसवोपरांत बंध्याकरण एवं कॉपर टी  संस्थापन पर विशेष बल देना है। वहीं लेबर रूम में परिवार कल्याण परामर्शी , एएनएम एवं स्टॉफ नर्स के माध्यम से प्रसव एवं गर्भपात के लिए इच्छुक महिलाओं को उत्प्रेरित करते हुए सुविधा भी प्रदान करना है।
पुरुषों को आना होगा आगे
एसीएमओ डॉ सुभाष कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ पुरुषों को भी आगे आना होगा। पुरुषों में परिवार नियोजन कम खर्चीले के साथ आसान भी है। जहां तक प्रभावी होने की बात है यह महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा प्रभावी भी है। पहला बच्चा शादी के दो साल बाद वहीं दूसरे में तीन साल का अंतर रखना माता और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है। मौके पर एसीएमओ डॉ सुभाष कुमार, डीसीएम राजकिरण, केयर डीटीएल सौरभ तिवारी, डीपीएम बीपी वर्मा सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।

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