शहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं, जाम बनी मुसिबत। पटना के बाकरगंज से खैतान मार्किट तक अवैध रूप से लगाये जाते है वाहन।
1 min readशहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं, जाम बनी मुसिबत।
पटना के बाकरगंज से खैतान मार्किट तक अवैध रूप से लगाये जाते है वाहन।
पटना के सड़को पर अधिकतर देखा गया है कि जिन लोगो का वहा मार्किट है लेकिन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है।
पटना के बाकरगंज , खेतान मार्केट ,कदमकुआं ,अशोक राजपथ, गुलजारबाग मंडी, मारू गंज, मालसलामी ट्राफीक जाम मामले में सरकार की चुप्पी क्यों?
पटना । शहर में पार्किंग न होने से जाम की समस्या बरकरार है। सड़कों के किनारे जहां-तहां आड़े तिरछे वाहनों के खड़े रहने से आवागमन व्यवस्था प्रभावित होती है। खासकर राजधानी पटना के बाकरगंज,खैतानमार्केट,कदमकुआं,चूड़ी मंडी,गोविंद मित्रा रोड,PMCH,पटना मार्किट, पटना सिटी के अंतर्गत अशोक राजपथ की बात करे तो महेंद्रू से लेकर आलमगंज तक और खाजेकलां से लेकर मारसलामी तक पश्चिम दरवाजा से नई सरक नवाब बहादुर रोड पर डॉक्टर एवं मरीजों के गाड़ी से लगे रहते हैं। अक्सर जाम आखिर सरकार इनसब मामलों में चुप्पी साध कर क्यों बैठी हुई है। कही ऐसा तो नही की सरकार के आदेशों नुसार राज्य सरकार के आला अधिकारी के द्वारा नजर अंदाज किया जाता है। एक तरफ सरकार के अधिकरी यातायात पुलिस के द्वारा लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है तो वही दूसरी ओर बिना पार्किंग वाले दुकान जो दुकान के सामने अपने वाहन लगाकर छोड़ देते है तो उनलोगों पर करवाई क्यों नही ? पटना जंकशन स्टेशन अतिक्रमण के चलते अक्सर जाम लगता है।
पार्किंग की व्यवस्था के अभाव से हो रही समस्या का समाधान नहीं किए जाने के कारण मुख्य मार्ग पर यातायात की समस्या लगातार सामने आ रही है। परेशानियों का अंबार प्रतिदिन दिखाई दे रहा है और यातायात की स्थिति प्रतिदिन खराब होती जा रही है। यातायात पुलिस सिर्फ वाहन चेकिंग में लगे रहते है तो जाम से मुक्ति दिलाने वाला कौन। धीरे-धीरे यह विकराल रूप धारण करती जा रही है। शहर के प्रमुख चौराहों में शामिल एग्जीबिशन रोड एलआईसी चौराहा से गांधी मैदान जाने वाली सड़क के आधे हिस्से में दुकानों के सामने मोटरसाइकिलों की ऐसी कतार लगी रहती है कि अगर दोनों तरफ से किसी चार पहिया वाहन का आवागमन हो तो घंटों जाम लग जाता है। वहीं अगर नगर के इक्का-दुक्का होटल एवं शादी घरों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश के पास पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। सबसे अधिक दिक्कत का सामना वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान उठाना पड़ता है।