चौपाल लगाकर “चमकी” से लड़ाई जारी
1 min readचौपाल लगाकर “चमकी” से लड़ाई जारी
– दिन के साथ रातों में भी चौपाल का आयोजन कर रहे हैं स्वास्थ्यकर्मी
– ग्रामीणों को बताए जा रहें हैं, चमकी के लक्षणों के साथ बचाव के तरीके
– मेहसी, चकिया,हरसिद्धि, मोतिहारी समेत कई प्रखण्डों में लग रहा है चौपाल
मोतिहारी, 28 अप्रैल। जिले में चमकी बुखार का मामला प्रायः गर्मियों के मौसम में ज्यादा देखने को मिलता है। वहीं बरसात के साथ इसके मामलों में कमी दिखाई पड़ने लगती है। यह कहना है जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार का। उन्होंने बताया कि यह बीमारी बच्चों में एक साल की उम्र से 15 साल की उम्र तक ज्यादा प्रभावित करती है। इम्युनिटी कमजोर होना भी इसकी एक वजह हो सकती है। बहुत ज्यादा गर्मी और नमी के मौसम में इस बीमारी की तीव्रता काफी बढ़ जाती है। इससे बचाव को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा जिले के चमकी प्रभावित प्रखंडों , मेहसी, चकिया, मधुबन, पिपराकोठी, हरसिद्धि, मोतिहारी आदि में जागरूकता के साथ लगातार चौपाल लगाकर “चमकी” से लड़ाई जारी है। ताकि चमकी के मामले में लोगों में जन जागृति हो। लोग चमकी के लक्षणों को समय पर जान सकें। उसका इलाज करा सकें। साथ ही अपने बच्चों को चमकी के प्रभाव से सुरक्षित कर सकें।
चमकी बुखार के लक्षण क्या हैं:
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को लगातार तेज बुखार रहता है। शरीर में ऐंठन होती है। इसके अलावा कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश भी हो सकता है। कभी-कभी तो शरीर सुन्न भी हो जाता और झटके लगते रहते हैं। इन लक्षणों पर ध्यान देने और डॉक्टर से संपर्क कर सही समय पर इलाज की जरूरत होती है।
सरकारी अस्पताल ले आएं, बिल्कुल भी देरी न करें:
जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ शरतचन्द्र शर्मा ने बताया कि चमकी बुखार का सही समय पर इसके लक्षण जानकर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने बताया कि चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत सरकारी अस्पताल ले आएं, बिल्कुल भी देरी न करें। अस्पताल से दूरी होने पर एम्बुलेंस किराए पर लेकर तुरंत पहुंचे। आने जाने का भाड़ा अस्पताल द्वारा दिया जाएगा।
– चमकी के लक्षणों के बारे में किया जागरूक:
जिले के मेहसी प्रखंड में दिन के साथ रात्रि चौपाल का आयोजन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किया गया। जिसमें केयर के बीएम दिनेश चन्द्र यादव, वार्ड सदस्य उज्ज्वल कुमार द्वारा सैकड़ों लोगों के बीच चमकी बुखार से बचाव को जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें लोगों के बीच हैंडबिल देते हुए इसके लक्षण व बचाव के तौर तरीकों व स्वच्छता के विषय के बारे में जानकारी दी गई। वही बच्चों व उनके अभिभावकों को चमकी बुखार के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई।
चमकी से बचाव के तरीके:
सीएस ने बताया कि चूंकि गर्मी के मौसम में फल हो या खाना, जल्दी खराब हो जाते हैं। इसलिए ध्यान रखें, बच्चों को ताज़ा खाना ही दे। साथ ही बच्चों को गंदगी से दूर रखें। खाना खाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से धुलाएं। जूठे, अधपके फल बच्चों को खाने से रोकें। साफ पानी पीने के लिए दें। इसके अलावा सबसे जरूरी बात कि उन्हें बाहर धूप में खेलने से मना करें। रात में भोजन अवश्य कराएं।