April 29, 2022

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चमकी की रोकथाम के लिए टास्क फोर्स की बैठक

चमकी की रोकथाम के लिए टास्क फोर्स की बैठक
चमकी जैसा बच्चों में प्रतीत होने पर उसे महुआ अनुमंडल अस्पताल भेजने की अपील, ऐसे बीमारों को अस्पताल पहुंचने के लिए वाहन भरा करेगा अस्पताल प्रशासन
महुआ, नवनीत कुमार
बच्चों में चमकी बुखार से निपटने और इसके लिए जागरूकता लाने को लेकर गुरुवार को यहां पीएचसी पर प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई। इस बैठक में इस तरह के बीमार ग्रस्त बच्चों को अभिलंब महुआ अनुमंडल अस्पताल भेजने के लिए प्रेरित करने को कहा गया।
बताया गया कि जैसे ही बच्चों में चमकी का लक्षण दिखे तो वे अभिलंब महुआ के अनुमंडल अस्पताल में पहुंचे। इसके लिए यहां विशेष व्यवस्था की गई है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमलेश कुमार की अध्यक्षता में कोई टास्क फोर्स की बैठक हुई। इसमें बीडियो शिवांगी कुमारी, सीबीपीओ अनिता जायसवाल, स्वास्थ प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के अलावा सभी डॉक्टर, कर्मी आदि उपस्थित हुए। यहां बताया गया कि इस समय बच्चों में चमकी बुखार का लक्षण अधिक होता है। इस तरह के लक्षण होने पर उन्हें महुआ अनुमंडल अस्पताल पहुंचाएं। यहां उनके लिए विशेष वार्ड की व्यवस्था की गई है। जहां उनका सुलभ इलाज किया जाएगा। बताया गया कि इसके लिए सभी आंगनवाड़ी सेविकाएं, आशा कार्यकर्ताएं, ग्रामीण चिकित्सक, समाजसेवी, बुद्धिजीवी आदि सजग रहें। खासकर इस बीमारी से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के बीच जागरूकता लाने को भी कहा गया। इस समय बच्चों को रात को भूखे पेट नहीं सुलाएं, सोते वक्त गुड़ या अन्य मीठा खिलाएं, तेज धूप गर्मी से बचें, टीकोले आदि को खाने से रोके आदि को बताया गया। खास तौर पर बताया गया कि इस तरह कि बीमार अगर दिखे तो उसे तुरंत महुआ अनुमंडल अस्पताल लेकर पहुंचे। वाहन की खर्च अस्पताल प्रशासन व्यय करेगा। यह निर्णय लिया गया कि रोग से बचाव और जागरूकता के लिए आंगनवाड़ी सेविका, आशा, ग्रामीण चिकित्सक आदि को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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चमकी से मासूम की मौत पर पीड़ित के घर पहुंची मेडिकल टीम महुआ। रेणु सिंह चमकी बुखार से एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई और मेडिकल टीम शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंच कर स्थिति का जायाजा लिया। टीम द्वारा पीड़ित परिजन से बच्चे के बारे में विभिन्न जानकारियां हासिल कर उसे विभाग को भेजा। घटना महुआ नगर परिषद के वार्ड संख्या 06 छतवारा चकशेख निजाम की है। उक्त गांव निवासी योगेन्द्र राम की पोती और मनीष राम की पुत्री डेढ़ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी को बीते 25 अप्रैल को चमकी की लक्षण आई थी। इस बीच घर के लोग उसे इलाज के लिए महुआ के एक निजी बच्चा अस्पताल में ले गए जहां से उसकी स्थिति नाजुक देखते हुए हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बच्ची को परिजन उसी दिन सदर अस्पताल ले गए। जहां से शाम में उसे चमकी के लक्षण को देखते हुए सदर अस्पताल द्वारा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना रेफर किया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 12 घंटे इलाज के बाद 26 अप्रैल की भोर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। इधर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा बच्ची की मौत चमकी से होना बताए जाने के एक सप्ताह बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और मेडिकल टीम में शामिल महुआ पीएचसी के डॉ अमर कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक प्रकाश कुमार, बीसीएम आफताब आलम के साथ महुआ नप के सभापति नवीन चंद्र भारती, वसीम आलम, आशा कर्मी शर्मिला आदि पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से विभिन्न जानकारियां हासिल की। चमकी से मौत का महुआ क्षेत्र में यह पहला केस माना जा रहा है। मनीष की पहली बच्ची थी लक्ष्मी: मृतिका डेढ वर्षीया लक्ष्मी कुमारी अपने पिता मनीष राम की पहली संतान थी। मनीष राम फेरी में ब्रेड, चाकलेट आदि बेचकर घर परिवार चलाते हैं। वही दादा योगेंद्र राम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची को बुखार के साथ चमकी के लक्षण आई थी। जिसे वह हल्के में लिए और इलाज के लिए महुआ के एक बच्चा अस्पताल में ले गए। जहां से उसे स्थिति गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि बच्ची को विभिन्न टीका के साथ जेई का टीका भी बीते 22 मार्च कोई लगाया गया था। टीम ने माना बच्ची कुपोषित और कमजोर थी: मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि बच्ची कुपोषित और कमजोर थी। जिसे अनुमंडल अस्पताल में चल रहे एनआरसी में रखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची की मौत का कारण एनएमसीएच द्वारा चमकी के लक्षण बताए गए हैं। इधर चमकी से बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सजग होते हुए उक्त बस्ती में ओआरएस का वितरण कराकर बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

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