फकुली में राज्य का पहला पोर्टेबल मॉडल आंगनबाड़ी बनकर तैया
फकुली में राज्य का पहला पोर्टेबल मॉडल आंगनबाड़ी बनकर तैया
– आपदा के समय एक जगह से दूसरे जगह किया जा सकेगा शिफ्ट
– इको फ्रेंडली,फायर और वाटर प्रूफ है आंगनबाड़ी
– तापमान को भी रखता है संतुलित
मुजफ्फरपुर, 9 मार्च | आपदा में नैनिहालों के पोषण और टीकाकरण में बाधा न हो इसके लिए राज्य का पहला पोर्टेबल आंगनबाड़ी केंद्र फकुली पंचायत में बनकर तैयार है। प्राकृतिक आपदाओं में इसे एक जगह से दूसरे जगह आसानी से ले जाया सकता है। इस पोर्टेबल मॉडल आंगनबाड़ी को रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन फाइउंडेशन ऑफ इंडिया के साथ सेलको फाउंडेशन के सहयोग से बनाया गया है। यह पोर्टेबल मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है। इसके मेटेरियल का निर्माण पुन: संधारित किए जाने वाले तत्वों से बना है। वहीं इसकी ऊर्जा की खपत सौर ऊर्जा पर आधारित है। यह आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से फायर और वाटरप्रूफ तो है ही इस पर दीमकों का भी कोई प्रभाव नहीं होता। सेलको के प्रतिनिधि भोलानाथ ने बताया कि नीति आयोग के प्रत्येक जिलों में इस तरह के पोर्टेबल मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण होना है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत मुजफ्फरपुर से की गयी है। अभी फकुली पंचायत में यह बनकर पूरी तरह तैयार है। इस आंगनबाड़ी केंद्र को बनाने का मुख्य मकसद था कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में इसे ले जाकर आंगनबाड़ी की गतिविधि को चालू रखा जा सके ताकि नैनिहालों का पोषण और टीकाकरण प्रभावित न हो। पोर्टेबल आंगनबाड़ी को उच्च घनत्व वाले अल्ट्रा मॉयश्चर रेजिसटेंट पैनल्स तकनीक से बनाया गया है।
पूरा क्षेत्रफल 600 वर्गफीट है, आंगनबाड़ी के कार्यों के लिए पर्याप्त जगह
भोलानाथ कहते हैं कि इसके निर्माण में आंगनबाड़ी के प्रत्येक कार्यों के लिए पर्याप्त जगह है। इसका पूरा क्षेत्रफल 600 वर्ग फीट है। इस केंद्र को खोलकर एक जगह से दूसरे जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। इसे जहां लगाना होता है वहां बस जमीन को समतल किय जाता है। फिर इसे आसानी से सेट किया जा सकता है। इसके अंदर टीबी, लाइट, दो बाथरुम, किचन और विभिन्न तरह के फर्नीचर भी लगे होते हैं। इसके सारे उपकरणों को बिजली की मदद से चलाया जाता है। बच्चों के खेलने के लिए इसके आगे लॉन की भी व्यवस्था होती है। इस आंगनबाड़ी केंद्र के मेटेरियल की खासियत है कि गर्मी के दिनों में यह तापमान को भी काफी कम करता है वहीं ठंड के मौसम में भी यह बाहर के तापमान का असर नहीं होने देता।
बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए होगा वरदान
आईसीडीएस की डीपीओ ललिता कुमारी ने कहा कि पोर्टेबल मॉडल आंगनबाड़ी मुजफ्फरपुर के उन इलाकों के लिए वरदान साबित होगा जहां बाढ़ जैसी त्रासदी आती है। वहां इसे आसानी से किसी जगह इंस्टॉल कर पोषण व टीकाकरण, गोदभराई, आरोग्य दिवस सत्र को मनाया जा सकता है। मुझे यकीन है कि यह जिले के नैनिहालों के पोषण में जरूर क्रांति लाएगी ।